हरिद्वार: जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश। बंदीरक्षकों ने उसे बचा लिया। कैदी को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। जानकारी के अनुसार दूसरे कैदियों के उत्पीड़न से परेशान होकर कैदी ने आत्महत्या करनी चाही थी।
घटना बृहस्पतिवार की है। हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी सुशील गुर्जर (50) पुत्र महेंद्र निवासी हरिद्वार ने जेल परिसर में पेड़ पर रस्सी के फंदे के सहारे लटककर आत्महत्या करनी चाही, लेकिन एक कैदी की उस पर निगाह पड़ गई।
कैदी ने तुरंत बंदीरक्षकों को इस बारे में जानकारी दी। आनन फानन में बंदीरक्षकों ने कैदी को उतारा और जिला अस्पताल में भर्ती कराया। कैदी ने अस्पताल में मीडिया कर्मियों को बताया कि उसको जेल में बंद कैदी परेशान करते हैं, जिसके चलते वह आत्महत्या करना चाह रहा था।
जिला अस्पताल में भर्ती कैदी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जेल अधीक्षक अशोक कुमार से जब इस बाबत पूछा गया तो उनका कहना था कि कैदी अक्सर इस तरह के काम करता रहता है।
कैदी ने तुरंत बंदीरक्षकों को इस बारे में जानकारी दी। आनन फानन में बंदीरक्षकों ने कैदी को उतारा और जिला अस्पताल में भर्ती कराया। कैदी ने अस्पताल में मीडिया कर्मियों को बताया कि उसको जेल में बंद कैदी परेशान करते हैं, जिसके चलते वह आत्महत्या करना चाह रहा था।
जिला अस्पताल में भर्ती कैदी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जेल अधीक्षक अशोक कुमार से जब इस बाबत पूछा गया तो उनका कहना था कि कैदी अक्सर इस तरह के काम करता रहता है।