पेट फटने के बाद भी क्यों नहीं निकला खून, पुलिस जान बूझकर बना रही हादसा
करनपुर के चावला चौक पर नए साल के हुड़दंग के बीच हुई कैफे संचालक कपिल देव की मौत के मामले में बृहस्पतिवार को मां ने बेटे की मौत को हादसा मानने से इंकार कर दिया। आरोप लगाया कि बेटे की हत्या रंजिशन की गई है और पुलिस उसे हादसा बनाने पर तुली है। हालांकि इस मामले में देर रात तक परिजनाें की तरफ से कोई तहरीर नहीं आई थी। पुलिस अधिकारी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हादसे में मौत के अपने दावे पर अडिग है। शहर के करनपुर में चावला चौक पर कैफे संचालक कपिल देव का शव नए साल के पहले दिन बुधवार सुबह पड़ोस में खुले हॉस्टल के परिसर में पड़ा मिला। नीचे हॉस्टल के छत की रेलिंग और ऊपर कपिल का शव पड़ा था। परिजनों ने उस समय हॉस्टल में रहने वाले छात्राें को आरोपित किया था। उनका कहना था कि झगड़े के चलते उसकी हत्या की गई। पुलिस ने घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दावा किया था कि जश्न के दौरान कैफे संचालक कपिल देव का विवाद तो हुआ था, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कपिल देव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। अलसुबह कपिल हॉस्टल की छत पर गया था। इसी दौरान छत की रेलिंग के साथ नीचे आ गिरा है। पुलिस ने अपनी बात के समर्थन में फुटेज परिजनों के साथ मीडिया को दिखाई थी।
इसी बीच बृहस्पतिवार को कैफे संचालक कपिल देव की मां पुष्पा ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। आरोप लगाया कि बेटे को रंजिशन मारा गया। कपिल देव का पेट फटा था, लेकिन घटनास्थल पर एक बूंद खून ना मिलना सवाल खड़े करता है। यदि रेलिंग के साथ कपिल नीचे गिरा तो क्या हॉस्टल में रहने वालों को आवाज नहीं सुनाई दी। झगड़े के चलते कुछ दिन से कपिल को धमकी दी जा रही थी। उधर कपिल देव के पिता अर्जुन देव ने अन्य लोगों के साथ डालनवाला कोतवाल मणिभूषण श्रीवास्तव से मिलकर अपना पक्ष रखा। हालांकि इस मामले में देर रात कोई तहरीर नहीं आई है।
इधर एसपी सिटी श्वेता चौबे का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से सब कुछ साफ है। इस हादसे से पहले कपिल देव सड़क पर भ्रमण करता दिख रहा है। इसी दौरान एक सीसीटीवी कैमरा भी क्षतिग्रस्त किया गया है। अब तक की जांच में कपिल देव की मौत हादसे में हुई है।