देहरादून : देश को बस अब उस घड़ी का इंतजार है, जब मेरी बेटी के दरिंदे सूली पर लटकेंगे। ये चाहे कुछ भी कर लें, लेकिन अब इनका आखिरी वक्त आ गया है। निर्भया की मां आशा देवी ने अमर उजाला से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। निर्भया की मां ने कहा कि उनकी इच्छा है कि वह अपनी आंखों से चारों दोषियों का दम निकलते हुए देखें। इसके लिए वह कोर्ट और जेल प्रशासन से लिखित में गुहार भी लगाएंगी। आशा देवी का कहना है कि वह अपने वकील से मिलकर जल्द ही इसके लिए लिखित में दरख्वास्त देंगी।
आशा देवी ने बताया कि बेटी को इंसाफ दिलवाने के लिए वह बीते सात साल से संघर्ष कर रही हूं। बेटी की मौत से पहले वह साधारण गृहणी थीं। बेटी के साथ हुई दरिंदगी और उसकी दर्दनाक मौत ने उन्हें कोर्ट- कचहरी सब दिखा दिया। पिछले सात साल में ऐसा कोई भी दिन नहीं होगा जब वह चैन की नींद सोई होंगी। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक बेटी के गुनहगार फांसी पर नहीं लटक जाते। चारों दरिंदों को फांसी लगने के बाद यह न्याय सबके लिए नजीर होगा। इसके बाद निश्चित ही अपराधी बेटियों के साथ दरिंदगी करने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे। आशा देवी ने बताया कि पूरे देश ने उनका साथ दिया, इसके लिए वह देश के हर नागरिक का शुक्रिया अदा करती हूं।