कुछ लोग गर्दन में दर्द होने पर भी इसे चटकाने का कोशिश करते हैं. दर्द के कारणों को लेकर गर्दन में दर्द होना एक आम समस्या होती है. आम तौर से किसी बेकार मुद्रा के कारण गर्दन की मांसपेशियों में तनाव पैदा होने कि सम्भावना है. उदाहरण के तौर पर, कंप्यूटर पर कार्य करते समय स्क्रीन की तरफ झुकना हो, मोबाइल में अधिक देर तक झुक कर देखना हो, सोते समय ज़्यादा ऊंचा तकिया प्रयोग करना आदि. कुछ मेडिकल कारणों से भी गर्दन में दर्द होने कि सम्भावना है, जैसे गठिया.
हालांकि, गर्दन का चटकना एक सामान्य घटना है जो गर्दन की गतिविधियों के साथ स्वाभाविक रूप से होती है. नेक पॉपिंग या क्रेकिंग सुनकर जरूर आपको लग रहा होगा कि यह गर्दन के हिस्से में कोई तेज हलचल है, लेकिन यह आवाज हड्डियों या लिगामेंट के चटकने की नहीं है, बल्कि यह एक छोटी खिंचाव के कारण जोड़ की सतह के अस्थाई रूप से अलग होने व गैस के बुलबुले बनने के कारण होती है. जिन लोगों को आदत होती है वे इसे गर्दन के दर्द को अच्छा करने या इसके तनाव को कम करने के लिए करते हैं. गर्दन चटकाने से धमनी की अंदरुनी परत पर एक छोटा कट लग सकता है, जिससे रक्त के थक्के बनते हैं. रक्त के थक्के या तो मस्तिष्क तक जा सकते हैं या मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं. यदि रक्त मस्तिष्क में नहीं पहुंचता है, तो इससे ऑक्सीजन की कमी होती है.
भले ही गर्दन के चटकाने के कारण होने वाले स्ट्रोक छोटी होते हैं व बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन अन्य कारकों के साथ संयुक्त रूप से ज्यादा खतरनाक भी हो सकते हैं. यदि आपको सिरदर्द, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि आदि जैसे कोई लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत अपने चिकित्सक से सम्पर्क करें.
गर्दन चटकाने के नुकसान को समझने के लिए जानें कि दो कशेरुका धमनियां जो कि गर्दन की प्रमुख धमनियां होती है, मिलकर बेसिलर धमनी का निर्माण करती हैं, जो मस्तिष्क के पीछे रक्त की आपूर्ति करती हैं. गर्दन के घूमने या झुकने से वे चोटिल होते हैं क्योंकि ये कशेरुकाओं की भुजाओं में बोनी कैनल्स के जरिए गुजरती हैं व गर्दन मुड़ जाने पर खिंचाव आ जाता है.
दूसरी बात, लिगामेंट दो हड्डियों की संरचना को जोड़ने वाली इकाई है