पॉजीटिव मरीजों में 14 दिन बाद भी संक्रमण के लक्ष्ण नहीं
उत्तराखंड सहित पूरे कुमाऊं में कोविड-19 एसिम्टोमैटिक रूप में सामने आ रहा है। यह एक ऐसी अवस्था है जब मरीज में बीमारी के कोई स्पस्ट लक्ष्ण नजर नहीं आते, लेकिन जांच में कोरोना पॉजीटिव होता है। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के प्रसार में एसिम्टोमैटिक मरीज ही संक्रमण फैलने की सबसे बड़ी वजह बनकर सामने आए हैं। उत्तराखंड में भी संदिग्ध लक्ष्ण दिखने पर ही लोगों की कोरोना सैंपल जांच की जा रही है। ऐसे में बिना लक्ष्ण वाले एसिम्टोमैटिक पर रणनीति बनाने की जरूरत है। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में 13 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि भर्ती होने से लेकर अब तक किसी भी मरीज मे इस संक्रमण के बताए गए कोई लक्ष्ण स्पष्ट रूप से नजर नहीं आए हैं। 70 साल के एक बुजुर्ग मरीज के गले में हल्की खराश की शिकायत है। इन मरीजों को अस्पताल में दो हफ्ते हो रहे हैं, पर अब भी बाहरी रूप से यह पूरी तरह से स्वस्थ्य नजर आ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार इसी तरह की एसिम्टोमैटिक रिपोर्ट राज्य के दूसरे क्षेत्रों में भर्ती कई पॉजीटिव मरीजों को लेकर आ रही है। जबकि आमतौर पर कोविड-19 से संक्रमित मरीज में बुखार, खांसी, जुकाम आदि लक्ष्ण देखे जाते हैं। पर कुमाऊं मंडल के ऊधमसिंहनगर, हल्द्वानी व अल्मोड़ा जिले में पॉजीटिव मिले मरीजों में इस तरह के कोई स्पष्ट लक्ष्ण नजर नहीं आ रहे।