नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने देश में शत्रु संपत्ति के कुल मूल्य पर स्थिति स्पष्ट की है। गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि शत्रु संपत्ति (अचल) का मूल्य 1.04 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
मंत्री ने बताया कि शत्रु संपत्ति संरक्षक (कस्टोडियन) के पास कुल 9,280 अचल संपत्ति का ब्योरा है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में 11,773 एकड़ जमीन पर फैला है। लिखित जवाब में हंसराज अहीर ने बताया कि इसका कुल मूल्य 1,04,219 करोड़ रुपये है। शत्रु राष्ट्र की कंपनियों या नागरिकों की संपत्ति इसके दायरे में आती है। वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद साल 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम अमल में आया था। इसका उद्देश्य ऐसी संपत्ति के विनियमित और कस्टोडियन के अधिकारों को सूचीबद्ध करना था।
लोकसभा ने हाल में ही शत्रु संपत्ति (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी है। इसके प्रभावी होने पर इन संपत्तियों पर उत्तराधिकार का दावा नहीं ठोका जा सकेगा। एक अन्य सवाल के जवाब में हंसराज ने बताया कि देश भर के पुलिसबल में महिलाओं की भागीदारी महज 7.10 फीसद है। सभी राज्यों/केंद्र प्रशासित क्षेत्रों को यह आंकड़ा 33 फीसद तक लाने को कहा गया है।
यूनियन कार्बाइड प्लांट में 336 टन खतरनाक कचरा
भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट में अब भी 336 टन खतरनाक कचरा पड़ा हुआ है। वर्ष 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के बाद इसे बंद कर दिया गया था। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बायोमेडिकल कचरे को सुरक्षित तरीके से निस्तारित नहीं करने पर तकरीबन पांच हजार स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को नोटिस जारी करने की बात कही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के हवाले से मंत्री ने बताया कि वर्ष 2015 में देशभर में ऐसे कुल 1,69,913 केंद्र थे। इनसे प्रतिदिन 495.30 टन बायोमेडिकल कचरा निकलता है।
में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट में अब भी 336 टन खतरनाक कचरा पड़ा हुआ है। वर्ष 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के बाद इसे बंद कर दिया गया था। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बायोमेडिकल कचरे को सुरक्षित तरीके से निस्तारित नहीं करने पर तकरीबन पांच हजार स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को नोटिस जारी करने की बात कही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के हवाले से मंत्री ने बताया कि वर्ष 2015 में देशभर में ऐसे कुल 1,69,913 केंद्र थे। इनसे प्रतिदिन 495.30 टन बायोमेडिकल कचरा निकलता है।