जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है।
लगभग 37 हजार 247 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट से राज्य के 13 जिलों में पेयजल तथा 2.8 लाख हैक्टयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) नवम्बर 2017 में आवश्यक अनुमोदन के लिए केन्द्रीय जल आयोग को भेजी जा चुकी है।
उन्होंने आग्रह किया कि इस योजना को जल्द से जल्द ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार ने पूर्व में 16 विभिन्न बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है, लेकिन राजस्थान की किसी भी बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को यह दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के चलते इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना और इसकी जल्द क्रियान्विति सुनिश्चित करना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर जिलों को वर्ष 2051 तक पीने तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना से मॉनसून के दौरान कुन्नू, कुल, पार्वती, कालीसिंध एवं मेज नदियों के सब बेसिन के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, गंभीर एवं पार्बती नदियों के सब बेसिन में पहुंचाया जाना है।
कोरोना जागरूकता का संदेश गांव-ढाणी तक पहुंचाएं पूर्व सैनिक-मुख्यमंत्री
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूर्व सैनिक कोरोना जागरूकता का संदेश गांव-ढाणी तक पहुंचाएं और आमजन को बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें। बचाव ही उपाय है ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोरोना संक्रमण को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें।
मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूर्व सैनिकों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें, आपस में दूरी बनाये रखें, मास्क पहनें एवं बार-बार हाथ धोने सहित हैल्थ प्रॉटोकोल की पूरी तरह से पालना करें। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ‘खुद का ख्याल खुद रखें’।
शहादत का जज्बा राजस्थान के हर घर में – उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश के शहीद सैनिकों के घर जाने का अवसर मिला तब शहीदों के मां-बाप ने गर्व से कहा था कि वे अपने दूसरे बेटे को भी सीमाओं की रक्षा के लिए भेजेंगे। देश के लिए त्याग एवं समर्पण की यह भावना राजस्थान के हर घर में दिखाई देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं उस प्रदेश का मुख्यमंत्री हूँ जहां घर-घर में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहादत देने का जज्बा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी संकट के समय फौजी सबसे पहले आगे आते हैं। कोरोना संक्रमण से हमारी जंग में भी पूर्व सैनिकों ने वॉलेंटियर के रूप में आगे आकर मदद की है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में पिछले तीन माह से डॉक्टर, नर्सेज, पुलिस, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, ग्राम सचिव, पटवारी, प्रधान, सरपंच, वार्ड पंच, पार्षद एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही पूर्व सैनिकों ने भी आगे बढ़कर अपना योगदान दिया है इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। हमारे पूर्व सैनिकों की हौसला अफजाई करने के लिए मैनें स्वयं उनसे बात करने की पहल की।
सभी पैरामीटर्स पर राजस्थान आगे
उन्होंने कहा कि हमने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों सहित हर वर्ग का सहयोग लेकर उनके अनुभवों को ध्यान में रखते हुए त्वरित फैसले लिये और राजस्थान को कोरोना संक्रमण रोकने की इस लड़ाई में अग्रणी पायदान पर रखा। मृत्यु दर न्यूनतम रहने के साथ ही राजस्थान की रिकवरी रेट काफी बेहतर रही है। मरीजों की संख्या दोगुनी होने में लगने वाले दिनों के पैरामीटर पर भी हम आगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लम्बी लड़ाई के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है। किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनाया है। लॉकडाउन के दौरान गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता के साथ ही फ्री राशन उपलब्ध कराने में भी राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं रखी।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरूआत के दौर में प्रदेश में टेस्टिंग सुविधा नहीं थी लेकिन आज हमारी क्षमता 41 हजार 450 टेस्ट प्रतिदिन हो गई है। जिला अस्पतालों के साथ ही पीएचसी एवं सीएचसी स्तर पर आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के सहयोग से कोरोना से लड़ाई की इस मुहिम को मजबूती मिलेगी।
निर्माण कार्यों में गुणवत्ता नहीं मिलने पर होगी कार्रवाई – पायलट
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण सप्ताह के दौरान विभाग के मुख्य अभियंताओं से लेकर अधिशाषी अभियंताओं ने एक हजार 651 कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान किए गए कुल 5 हजार 590 गुणवत्ता परीक्षणों में से 5 हजार 325 परीक्षण निर्धारित मापदंडों के अनुसार पाए गए। उन्होंने कहा कि परीक्षण में जो 174 कार्य गुणवत्ता मापदंडो के अनुरूप नहीं पाए गए हैं, उनके सम्बंध में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने ने कहा कि विभाग द्वारा प्रदेशभर में किए गए निरीक्षणों और गुणवत्ता परीक्षणों से विभाग के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण सप्ताह में मुख्य अभियंताओं ने 12, अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं ने 56, अधीक्षण अभियंताओं ने एक हजार 457 तथा विद्युत अनुभाग ने 126 निरीक्षण किए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के 6 निर्माण कार्यों का विभिन्न अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के विशेषज्ञ व्याख्याताओं से भी गुणवत्ता परीक्षण करवाया गया है। विभाग के वरिष्ठ अभियंताओं ने मुख्यालय, सम्भाग तथा जिला स्तर पर संचालित सभी गुण नियंत्रण प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने के लिए विभिन्न उपकरण उपलब्ध करवाने की कार्यवाही भी शीघ्र की जाएगी।