बता दें कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मध्यस्थता करते हुए दोनों देशों को युद्ध विराम के लिए राजी किया था। पुतिन ने एक बयान जारी कर कहा था कि रूस की सेनाएं इस युद्ध विराम समझौते की निगरानी करेंगी। इसके लिए नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में रूसी शांति सैनिकों की तैनाती की जा रही है।