पाखरो में बन रहे जंगल सफारी पार्क में आने वाले दिनों में सफेद बाघ दिख सकता है, यह देखने में काफी आकर्षक होता है। वन विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। इसके लिए बातचीत चल रही है। अगर वहां सफेद बाघ आता है तो ये राज्य में पर्यटन के लिहाज से काफी फायदेमंद होगा। पाखरो में करीब सौ हेक्टेयर में जंगल सफारी पार्क बनना है। शुरुआती दौर में वहां पांच बाघ रखे जाने हैं, जिन्हें पर्यटक बंद गाड़ियों से पार्क के अंदर घूमकर देख सकेंगे।वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्बेट नेशनल पार्क में बाघ दिखने की गारंटी न होने के बावजूद हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। जबकि पाखरो में बाघ दिखने की गारंटी होगी। इसके चलते पर्यटन के लिहाज से ये काफी अहम होगा। विभाग यहां सामान्य बाघों के साथ एक सफेद बाघ लाने की भी योजना बना रहा है। इसके लिए सरकार के स्तर से मध्य प्रदेश से बात की जा रही है, ताकि वहां से बाघ मिल सके। पाखरो में जंगल सफारी में सामान्य बाघों के साथ एक सफेद बाघ लाने की योजना है। इसके लिए मुख्यमंत्री और मेरे स्तर से मध्य प्रदेश सरकार से शुरुआती बात हो रही है। अगर बाघ मिल जाता है तो ये पर्यटन के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा। क्योंकि वहां बाघ दिखने की गारंटी के साथ पर्यटक आएंगे। दोनों तरह के बाघ देखना एक अलग तरह का अनुभव होगा।
डॉ. हरक सिंह, वन मंत्री
देहरादून जू में दिखेंगे बाघ और भालू
देहरादून जू के निदेशक पीके पात्रो ने बताया कि जू में नए साल में पर्यटकों को बाघ और भालू भी देखने को मिलेंगे। दोनों के बाड़े तैयार हैं। जंगल से पकड़कर जून में जानवर नहीं रख सकते। इस कारण किसी अन्य देहरादून जू से ही लाने पड़ेंगे। इसी वजह से देरी हो रही है। अलगे साल मार्च से पहले बाघ और भालू लाने की कोशिश है।