सवा करोड़ की आबादी पर सरकार एक साल के भीतर 724 वेंटिलेटर की व्यवस्था कर पाई है। बीते वर्ष मार्च में कोरोना ने प्रदेश में दस्तक दी थी। उस समय सरकारी अस्पतालों में कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के 165 वेंटिलेटरही थे। कोविड काल के दौरान वेंटिलेटरों की संख्या 724 तक पहुंच गई है। जबकि कोरोना की दूसरी लहर से पहले की तुलना में ज्यादा खतरा है।
वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 38 कोविड अस्पताल और 415 कोविड केयर सेंटर हैं। जहां पर लगभग 31 हजार आईसोलेशन बेड हैं। कुल ऑक्सीजन बेड की क्षमता 3317 है, इनमें से 555 बेड पर कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। इसी तरह आईसीयू बेड की संख्या 815 है। इनमें से 119 आईसीयू बेड पर संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 724 वेंटिलेटर प्रदेश में उपलब्ध हैं, इसमें वर्तमान में 18 वेंटिलेटरों पर मरीज हैं।