फेफड़े का संक्रमण ठीक करने में मददगार है डीआरडीओ की यह दवा

देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। फरवरी से भारत में आई वायरस की दूसरी लहर में संक्रमितों के साथ मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच शनिवार को कोरोना संक्रमितों के लिए एक बेहद राहत वाली खबर आई है। ड्रग्स कंट्रोलर ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा बनाई कोरोना की एक दवा को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। परीक्षणों में विशेषज्ञों को इस दवा के प्रयोग के सफल परिणाम देखने को मिले हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
यह दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोलकर पीना होता है। इस दवा को डीआरडीओ की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नामिकीय औषिध तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने हैदराबाद के डॉ.रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर विकसित किया है। इस संबंध में जारी एक बयान के मुताबिक पिछले साल शुरुआत में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तैयारियों करने का आह्वान किया गया, जिसके बाद डीआरडीओ ने इस दवा पर काम शुरू किया था।

संकट के समय में वरदान मानी जा रही इस दवा को तैयार करने के पीछे तीन वैज्ञानिकों का दिमाग रहा है। ये हैं डॉ. सुधीर चांदना, डॉ. अनंत नारायण भट्ट और डॉ. अनिल मिश्रा। वरिष्ठ विज्ञानी डा. सुधीर चांदना और डॉ. अनंत भट्ट ने कहा है कि 2-डीजी दवा कोरोना मरीजों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है। चांदना ने कहा, दो चरणों में किए गए अपने शोध में हमने पाया कि यदि 2-डीजी ड्रग सामान्य दवाओं के साथ मरीजों को दी जाती है, तो ऐसे में मरीज को इस दवा का 30 फीसदी अधिक लाभ पहुंचेगा।

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