विशेष जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने घर में घुसकर नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी पर दोष सिद्ध कर चार साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सुनाई है। पीड़िता को सात लाख रुपये प्रतिकर के रूप में देने के आदेश भी दिए गए हैं।
मामले के अनुसार, नाबालिग छात्रा का भाई एक कारपेंटर के साथ हेल्पर था। कारपेंटर उसके साथ अक्सर घर में आता-जाता था। 31 अगस्त 2019 की शाम जब छात्रा घर में अकेली थी तो अभियुक्त ने घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ कर दी। नाबालिग की चीख सुनकर उसके पिता और चाचा ने पीड़िता को आरोपी के चंगुल से छुड़ाया।
पूछताछ में पता चला कि आकाश बनकर नाबालिग के भाई के साथ घर में आने वाले आरोपी का असली नाम नौशाद है। इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से पिथौरागढ़ कोतवाली में आकाश उर्फ नौशाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। यह मामला जिला सत्र एवं न्यायालय में चला।इस मामले की सुनवाई कर विशेष जिला सत्र एवं न्यायाधीश डॉ. शर्मा ने आरोपी नौशाद निवासी मोगाड़ी हरपुर, पश्चिमी चंपारण बिहार पर दोष सिद्ध कर आईपीसी की धारा 354 के तहत चार वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा आठ के तहत चार वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोषसिद्ध आकाश उर्फ नौशाद की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।आरोपी पर लगाई गई अर्थदंड की राशि को पीड़िता को बतौर प्रतिकर दिया जाएगा। विशेष सत्र न्यायाधीश ने पॉक्सो अधिनियम के तहत सात लाख रुपये देने के आदेश भी जारी किए हैं। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद पंत और विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो प्रेम सिंह भंडारी ने पैरवी की।