चुनावी साल में विकास के इंजन को तेजी से दौड़ाने की कोशिश में जुटी प्रदेश सरकार के लिए यह चिंता की बात है कि पिछले दो महीनों में जिला योजना के बजट का कायदे से इस्तेमाल नहीं हो पाया।
राकेश खंडूड़ी योजना का बजट आवंटन और इससे जुड़े प्रस्तावों को समय पर मंजूरी देने का दायित्व जिलाधिकारी और प्रभारी मंत्री को दिया गया है। लेकिन अधिकतर जिलों में जिला योजना के बजट खर्च की प्रगति बेहद निराश करने वाली है। हरिद्वार, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले में वित्तीय वर्ष के पहले दो महीनों में एक पाई तक खर्च नहीं हो सकी है।
सरकार ने 500 करोड़ किए थे जारी
चुनावी साल को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही जिला योजना समितियों के तहत होने वाले विकास कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये की किस्त जारी की थी। आशा थी कि पहली तिमाही में बजट खर्च की रफ्तार तेज रहेगी।