अमेरिकन पिस्‍ताचियो ग्रोअर्स (एपीजी) और इंडियन डाइटेटिक एसोसिएशन (आईडीए) ने पिस्‍ताचियोस से जुड़ी नई जानकारियों पर की चर्चा 

हम महामारी के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में इम्‍युनिटी, फिटनेस और सक्रिय लाइफस्‍टाइल पर बातचीत ज्‍यादा प्रासंगिक और मायने रखने वाली होती जा रही है। इंडियन डाइटेटिक एसोसिएशन (आईडीए), आईडीए गुजरात चैप्‍टर, आईडीए एसआईजी (वेलनेस-फिटनेस) और अमेरिकन पिस्‍ताचियो ग्रोअर्स (एपीजी) ने सभी जनसांख्यिकियों के महत्‍वपूर्ण डेटा एवं शोध-पत्रों को मिलाकर न्‍यूट्रीशन पर एक टाउनहॉल का आयोजन किया। प्रमुख स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों, न्‍यूट्रीशनिस्‍ट्स, फिटनेस ट्रेनर्स और डॉक्‍टर्स ने पिस्‍ताचियोस के नये शोध पर गहन जानकारियाँ साझा कीं। पिस्‍ताचियो एक बेहद वर्सेटाइल एवं हेल्‍दी नट है, जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिये बेजोड़ फायदे देता है। इस आयोजन को डॉ. जगमीत मदान (आईडीए नेशनल प्रेसिडेंट), डॉ. भावना वैद (आईडीए-गुजरात, प्रेसिडेंट), शाइनी सुरेन्‍द्रन (स्‍पोर्ट्स न्‍यूट्रीशनिस्‍ट), सुमित सरन (एपीजी के इंडिया रिप्रेजें‍टेटिव), डॉ. माइक रोउसेल, पीएच.डी. न्‍यूट्रीशनिस्‍ट कंसल्‍टेंट और मेन्‍स मैगज़ीन, यूएसए के एडवाइजर, डॉ. सीमा गुलाटी, किनिता कदाकिया पटेल- न्‍यूट्रीशनिस्‍ट और मील पिरामिड की फाउंडर, और सोहराब खुशरूशाही- फाउंडर सोहफिट ने सम्‍बोधित किया। देशभर के न्‍यूट्रीशनिस्‍ट और डाइटिशियंस इस आयोजन में उपस्थित हुए। सत्र की शुरूआत करते हुए, डॉ. जगमीत मदान ने कहा, “नट्स के पीछे हमेशा एक विज्ञान रहा है, क्‍योंकि वे एंटीऑक्‍सीडेंट्स, प्रोटीन, फाइबर, आदि से भरे होते हैं। हम पिस्‍ताचियोस पर नये डाटा और शोध से सचमुच खुश हैं। यह भारत में स्‍नैक्‍स के गुलदस्‍ते का एक बेहतरीन हिस्‍सा बनेगा। डॉ. भावना वैद, जो आईडीए गुजरात चैप्‍टर की प्रेसिडेंट हैं, ने भी कहा कि पिस्‍ताचियोस सबसे कम कैलोरी वाले नट्स में शामिल हैं और उनमें जरूरी अमीनो एसिड्स का उच्‍च अनुपात होता है। इंडियन डाइटेटिक एसोसिएशन की नेशनल एक्‍जीक्‍यूविटव कमिटी मेम्‍बर  रीमा राव ने एपीजी के साथ इस भागीदारी का स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा, “यह बहुत अच्‍छी बात है कि डाइटिशियंस और न्‍यूट्रीशनिस्‍ट्स को पिस्‍ताचियोस के फायदे समझाने का एक प्रयास हो रहा है, क्‍योंकि अंतिम उपभोक्‍ताओं से वे ही बात करेंगे। इस सहयोग के लिये आईडीए को धन्‍यवाद देते हुए और अग्रणी विशेषज्ञों तथा पैनलिस्‍टों के इस फोरम में भाग लेने से प्रसन्‍न, सुमित सरन ने कहा, “स्‍नैकिंग के मामले में भारत में काफी बदलाव देखा जा रहा है। यहाँ का स्‍नैक मार्केट एक क्रांति से गुजर रहा है और अमेरिकन पिस्‍ताचियो निश्चित रूप से हमारी डाइट में बड़ी भूमिका निभाएगा। आज बहुत सारा शोध पिस्‍ताचियोस के प्रोटीन कम्‍पोनेंट और स्‍वास्‍थ्‍य के लिये अन्‍य महत्‍वपूर्ण लाभों का विवरण देता है। हमें उपभोक्‍ताओं के बीच जागरूकता निर्मित करने की जरूरत है। पिस्‍ताचियो, जो अब तक मिठाई, आदि पर केवल सजावट के लिये इस्‍तेमाल होते थे, स्‍नैक के तौर पर भारतीय डाइट में अपनी जगह बनाने की शुरूआत कर रहे हैं। और यह चलन केवल बढ़ेगा ही, जैसे-जैसे ज्‍यादा लोग इस नट के बेहतरीन गुणों को जानेंगे। डॉ. माइक रोउसेल एक मशहूर न्‍यूट्रीशनिस्‍ट हैं और पोषण सम्‍बंधी जटिल अवधारणाओं को पोषण की व्‍यवहारिक आदतों में बदलने के लिये जाने जाते हैं। इस वेबिनार को न्‍यू जर्सी में अपने वर्कप्‍लेस से सम्‍बोधित करते हुए, डॉ. माइक रोउसेल ने कहा, “अमेरिका में उगाये जाने वाले पिस्‍ताचियो में न्‍यूट्रीयेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। वह अपने-आप में न्‍यूट्रीशन का एक तगड़ा पैकेज होता है। वह प्रोटीन, एंटीऑक्‍सीडेंट्स, जरूरी अमीनो एसिड्स, फाइबर, विटामिन, पोटेशियम, आदि का पावरहाउस है। उसका नमूना लीजिये! एक सर्विंग (28 ग्राम), यानि 49 नट्स में आपको फैट, कैलोरी, मैग्‍नीशियम, पोटेशियम, विटामिंस, मोनोअनसैचुरेटेड फैट, बी6, थियामिन की अच्‍छी मात्रा मिल जाती है। महत्‍वपूर्ण यह है कि हालिया अध्‍ययनों ने इंगित किया है कि पिस्‍ताचियोस संपूर्ण प्रोटीन हैं। उनमें 9 जरूरी अमीनो एसिड्स भी हैं, जो पादप-आधारित भोज्‍य पदार्थों में तैयार रूप में नहीं मिलते हैं। अमेरिकन पिस्‍ताचियोस हृदय रोगों के जोखिम को कम करने और ब्‍लड शुगर लेवल्‍स को रेगुलेट करने के लिये जाने जाते हैं। और क्‍या चाहिये! कैलोरी के मामले में पिस्‍ताचियो सबसे ज्‍यादा क्षमता वाले होते हैं। 49 पिस्‍ताचियोस खाने पर आपको केवल 160 कैलोरी मिलेगी। इतनी ही कैलोरी के लिये आपको 21 बादाम या 17 काजू खानी होंगी! लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी का एक हालिया शोध भी बताता है कि पिस्‍ताचियोस खाने से ब्रेन वेव्‍स बढ़ती हैं, जिससे रिटेंशन पावर और मेंटल प्रोसेसिंग बढ़ाने में मदद मिलती है। पिस्‍ताचियोस में पाया जाने वाला लुटेइन आँखों के स्‍वास्‍थ्‍य को सहायता देता है और आँखों के तनाव को कम करता है। इसके अलावा, पिस्‍ताचियोस में पाये जाने वाले प्रीबायोटिक्‍स और फाइबर आँतों के स्‍वास्‍थ्‍य में मदद देते हैं और सही प्रकार के बैक्‍टीरिया को प्रेरित करते हैं। खाने को लेकर अपराधबोध से मुक्‍त और किसी भी समय लिये जा सकने वाले स्‍नैक के तौर पर अमेरिकन पिस्‍ताचियोस बेहतरीन हैं, क्‍योंकि वे हल्‍के होते हैं, उन्‍हें रेफ्रीजरेशन की जरूरत नहीं होती है और उन्‍हें खाने के लिये कोई तैयारी नहीं करनी पड़ती है!

स्पेशल खबर इस लिंक पर क्लिक करें

https://www.sakshinews.ga/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *