मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में कम से कम एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों के काम करने से इनकार करने के साथ अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बाहर के अधिकारियों को ला सकते हैं या अनुबंध पर निजी व्यक्तियों को नियुक्त कर सकते हैं। सीएमओ इस समय अधिकारियों की कमी का सामना कर रहा है और सरकार के सूत्रों की मानें तो वहां जल्द ही ‘‘कोई अधिकारी’’ नहीं बचेगा। सीएमओ के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय में काम करने के लिए करीब 10-12 अधिकारियों से संपर्क किया है लेकिन उन्होंने पदभार संभालने से विनम्रतापूर्वक इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें आशंका है कि वे भी ‘‘सीबीआई के रडार’’ पर आ सकते हैं क्योंकि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और उप सचिव तरूण कुमार पर भ्रष्टाचार के एक मामले में कार्रवाई हुई है।
दोनों अधिकारियों को वर्ष 2016 में सीबीआई के मामले के बाद निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों की कमी को देखते हुए करीब एक दर्जन नौकरशाहों से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कार्रवाई की आशंका जताते हुए इसे ठुकरा दिया।’’ मुख्यमंत्री कार्यालय के एक सूत्र में कहा, ‘‘इस स्थिति में मुख्यमंत्री के पास दिल्ली से बाहर के अधिकारियों या अनुबंधित कर्मचारियों की सेवा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।’’
सूत्रों ने यह भी कहा कि सीएमओ में ओएसडी के पद पर तैनात भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी सुकेश जैन ने अपने मूल कैडर में वापस भेजने के लिए आवेदन दे दिया है जिसे मंजूरी मिलने की संभावना है। अतिरिक्त सचिव गीतिका शर्मा का तबादला कर दिया गया जबकि एक और अतिरिक्त सचिव दीपक विरमानी ने अध्ययन अवकाश के लिए आवेदन दिया है।