यह तस्वीर किसी सामान्य सड़क की नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की है। मंगलवार को बहादरपुर अंडरपास के नजदीक सड़क धंस गई। इसके चलते रेलिंग लटकी हुई है। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पहली बारिश के बाद मई से ही यह सिलसिला चल रहा है। जीआर इंफ्रा तभी से पैचवर्क में जुटी हुई है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को विश्वस्तरीय मानकों पर बनाने के दावे किए जा रहे हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कई बार बखान कर चुके हैं। बीते एक अप्रैल को एक्सप्रेसवे के मेरठ और डासना वाले हिस्से को वाहनों के लिए खोला गया था। हालांकि दूसरे चरण का कार्य पूरा न होने की वजह से अभी तक औपचारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। बनने के छह महीने के अंदर ही कई बार सड़क धंसने से गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। डासना से मेरठ 32 किमी की सड़क के इस खंड में लगातार किनारे की मिट्टी और सड़क धंस रही है। चार महीने के अंदर जीआर इंफ्रा और एनएचएआई को कई बार पैचवर्क कराना पड़ा है। एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर सवाल करने पर एनएचएआई के अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं।