आग से खेल रहा पाकिस्तान, तालिबान का समर्थन पड़ेगा भारी

अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी पर पाकिस्तान का जीत का जश्न उसको भारी पड़ सकता है। तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान में गुलामी की जंजीरों को तोड़ फेंका है। अफगानिस्तान के ताजा हालात पर दूसरे नेताओं, मौलवियों व सैन्य अफसरों ने भी खुशी जाहिर की है।

पाकिस्तान की खुशी जल्दी ही चिंता में बदल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अफगान तालिबान की जीत पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (जिसे बोलचाल में पाकिस्तानी तालिबान कहा जाता है) ने भी खुशी जताई है।

तालिबान को बधाई भेजी है। ये आतंकवादी गुट लंबे समय से पाकिस्तान सरकार से लड़ रहा है। उसका मकसद पाकिस्तान में भी उसी तरह की इस्लामी व्यवस्था कायम करना है, जैसा 1996 से 2001 तक तालिबान ने कायम किया था।

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