शिरोमणी अकाली दल बादल ने दिल्ली में किया प्रदर्शन

शिरामणि अकाली दल बादल ने कृषि कानून को पास हुए एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को रकाबगंज रोड पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल आदि ने केंद्र की भाजपा सरकार और पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया। अकाली दल के नेताओं ने दोनों सरकारों को किसान विरोधी करार दिया, वहीं सुखबीर बादल ने एलान किया उनकी सरकार बनने पर वह पंजाब में कृषि कानून लागू नहीं करेंगे। प्रदर्शन के बाद सुखबीर बादल, हरसिमरत कौर बादल समेत 11 नेताओं ने गिरफ्तार दी, पुलिस उन्हें संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई, जहां से बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

इस मौके पर सुखबीर बादल ने कहा कि हम यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश देने आए हैं। हम उनको बताना चाहते है कि पूरा पंजाब नहीं बल्कि पूरा देश उनकी सरकार के खिलाफ है। इस कारण वह तीनों कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करने के साथ साथ प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करने की कानूनी गांरटी देने का कार्य करें। यह कार्य नहीं होने तक वे लगातार लड़ाई लड़ेंगे। इस कड़ी में उनके दल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और यहां तक कि किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एनडीए के साथ बरसों पुराना गठबंधन छोड़ दिया था। अकाली दल ही एकमात्र विपक्षी दल था, जिसने संसद में तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया था, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विरोध करने के बजाय संसद से वॉकआउट करने का रास्ता चुना था।

सुखबीर बादल ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार ने हमारे कार्यकर्ताओं को रोका। उन्होंने लाठीचार्ज किया और हमारे वाहनों को तोड़ दिया, जबकि हम शांतिपूर्ण धरना देना चाहते हैं, जिसे बलपूर्वक रोका गया। वहीं उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को सबसे पहले मनमोहन सिंह की सरकार ही लाई थी, जब संसद ने विरोध किया था, तब उन्हें वापस लेना पड़ा था। अब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार भी इन कानूनों को लेकर आई थी, मगर हमने विरोध किया तो भी उन्होंने कोई बदलाव नहीं किया। कांग्रेस ने पूरी तरह के कृषि कानूनों का विरोध नहीं किया है।

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