Navratri : आज से यानी 7 अक्टूबर, 2021 से नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि का पर्व 9 दिनों तक बड़े ही धूम- धाम से मनाय जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा- अर्चना की जाती है। मां शैलपुत्री सौभाग्य की देवी हैं। उनकी पूजा से सभी सुख प्राप्त होते हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ, इसलिए इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता आती है। मां को वृषारूढ़ा, उमा नाम से भी जाना जाता है। उपनिषदों में मां को हेमवती भी कहा गया है।
- इस दिन सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
- नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है।
- पूजा घर में कलश स्थापना के स्थान पर दीपक जलाएं।
- अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।
- मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
- धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
- मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करें।
- मां को सफेद बर्फी का भोग लगाएं।