विजयदशमी की मध्य रात्रि से गंग नहर बंदी से हरकी पैड़ी पर पानी का संकट हो गया। हरकी पैड़ी का जलस्तर गिरने से श्रद्धालु अब डुबकी नहीं लगा पा रहे हैं। शनिवार को हरकी पैड़ी पहुंचे श्रद्धालुओं को चुल्लू में पानी भरकर स्नान करना पड़ा। इससे श्रद्धालु निराश नजर आए।
यूपी सिंचाई विभाग ने 15 अक्तूबर की मध्य रात्रि से गंग नहर का पानी बंद कर दिया। चार नवंबर की मध्य रात्रि में नहर में पानी छोड़ा जाएगा। इस अवधि में नहर की वार्षिक सफाई और मरम्मत कार्य होगा। नहर बंदी का असर हरकी पैड़ी के जलस्तर पर पड़ा है। हरकी पैड़ी तक पानी भगीरथ बिंदु से आता है। भीमगोड़ा बैराज पर गंगा का पानी रोके जाने पर भगीरथ बिंदु का जलस्तर बढ़ता है। गंग नहर बंदी के बाद बैराज से पानी सीधे गंगा में छोड़ा जा रहा है। यह सिलसिला 20 दिन चार नवंबर तक चलेगा। गंग नहर में पानी चलने पर हरकी पैड़ी पर जलस्तर करीब तीन से साढ़े तीन फीट रहता है। नहर बंद होते ही शनिवार सुबह से हरकी पैड़ी का जलस्तर एक फीट रह गया। कई जगहों पर पानी नहीं होेने के चलते रेत के टीले दिख रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं को चुल्लू में पानी भरकर स्नान करना पड़ा। डुबकी लगाने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ा। देर शाम तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु हरकी पैड़ी पहुंचे। श्रद्धालुओं ने लोटे और चुल्लू में पानी भरकर स्नान किया।