गौचर (उत्तराखंड)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-चीन सीमा की सुरक्षा अन्य कई सीमा क्षेत्रों की तुलना में काफी चुनौतीपूर्ण है और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) वाहिनियों ने इन दुर्गम सीमा क्षेत्रों की रक्षा का दायित्व निभाते हुए शान और विश्वसनीयता की अलग मिसाल खड़ी की है। यहां आइटीबीपी की आठवीं वाहिनी में जवानों और अधिकारियों का मनोबल बढाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी अर्धसैनिक बलों की समस्याएं दूर करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। अपने चार दिवसीय उत्तराखंड दौरे के अंतिम दिन भगवान केदारनाथ के दर्शनों के बाद सिंह अपने निर्धारित समय से करीब आधा घंटे पहले यहां पहुंचे और लगभग डेढ घंटे तक जवानों की हौसला अफजाई की।
सिंह ने कहा कि कठिन सीमा क्षेत्रों में काम करने के लिये सरकार जवानों को सभी जरूरी संसाधन मुहैया करायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिये आइटीबीपी का मतलब है कि जो कठिनाइयों का सीना चीरकर अपना रास्ता बना ले, उसे आइटीबीपी कहते हैं।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने आइटीबीपी को 100 अत्याधुनिक स्नो स्कूटर देने की बात भी कही। उन्होंने जवानों को अपने परिवारजनों से संपर्क बनाये रखने के लिये संचार सुविधा को बढाने के लिये बल दिया। आइटीबीपी के महानिदेशक आर के पचनंदा ने कहा कि राजनाथ सिंह देश के पहले ऐसे गृह मंत्री हैं जिन्होंने अग्रिम सीमा चौकियों पर पहुंचकर हिमवीर जवानों की कठिनाइयों को समझकर उनका मनोबल बढाया है।
इस अवसर पर महानिदेशक ने गृह मंत्री को केदारनाथ मंदिर की कलाकृति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने सैनिक सभा को संबोधित करने के बाद जवानों के साथ भोजन किया और उनका हाल-चाल पूछा। इस दौरान बडे़ भोज के लिये दो लाख रूपये का चैक दिया। भोजन के दौरान उन्होंने नंदा राजजात यात्रा की आकर्षक झांकी का भी आनन्द लिया। उन्होंने जवानों को दीवाली की भी अग्रिम शुभकामनायें भी दीं। गृह मंत्री ने आइटीबीपी गेट पर जवानों और स्कूली बच्चों की स्वच्छता रैली को भी हरी झंडी दिखायी और झाडू पकड़कर स्वयं भी सफाई की।