श्रीनगर के जेवन में सोमवार को हुए आतंकी हमले में पुलिस के 14 जवान घायल हुए थे, जिनमें से तीन जवान शहीद हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत की मजबूती और अमन बहाली से बौखलाए आतंकियों ने श्रीनगर के जेवन इलाके में पुलवामा हमला दोहराने की साजिश रची थी। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी के भी शामिल होने का शक है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकियों ने पहला बड़ा हमला किया है। पांच अगस्त 2019 के बाद दहशतगर्दों ने कई हमले किए, लेकिन सुरक्षा बलों पर इस प्रकार का बड़ा हमला पहली बार हुआ है। इन दो सालों में सुरक्षा बल ही आतंकियों पर काल बनकर टूटे हैं। कई बड़े कमांडरों को मार गिराया गया है। लगभग सभी आतंकी संगठनों को नुकसान पहुंचा है। खासकर लश्कर-ए-तैयबा को। दक्षिणी कश्मीर में मजबूत स्थिति में रहे हिजबुल मुजाहिदीन की लगभग कमर टूट चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से आतंकी संगठनों पर लगातार दबाव था कि बड़े हमले को अंजाम दिया जाए ताकि सरकार की ओर से हालात सामान्य होने और आतंकियों के सफाए संबंधी दावे की धार को कमजोर किया जा सके।