पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में सुप्रीम झंडी के बाद नफा-नुकसान का भी आकलन शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना के निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट पर साफ होने के बाद इसके नफा-नुकसान को लेकर भी आकलन शुरू हो गया है। एक तरफ जहां इस परियोजना के सामने सड़कों की चौड़ाई को लेकर आई अड़चन के दूर होने के बाद काम में तेजी आने और परियोजना के समय से पूरा होने की बात कही जा रही है। वहीं इस तेजी में पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर भी गहरी चिंता जताई जा रही है।

2024 के चुनाव से पहले इस परियोजना को पूरा करना चाहती है मोदी सरकार
करीब 12 हजार करोड़ रुपये की 889 किमी लंबी ऑलवेदर रोड परियोजना के कामों में अब तेजी आएगी। सुप्रीम कोर्ट की रोक हट जाने के बाद अब ऑलवेदर परियोजना का बचे कार्यों के पूरा होने का रास्ता साफ हो गया है। धार्मिक पर्यटन और सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण यह परियोजना अब समय से पूरी हो पाएगी। बताया जा रहा है कि 2024 के चुनाव से पहले मोदी सरकार इस परियोजना को पूरा कर लेना चाहती है।

वहीं पर्यावरणविदों की चिंता भी इसी बात को लेकर है कि जल्दबाजी में किए गए निर्माण की कीमत कहीं पर्यावरण को न चुकानी पड़ी। चारधाम परियोजना की हाई पावर कमेटी के सदस्य डॉ. हेमंत ध्यानी का कहना है कि हमें ऐसे निर्माण पर ध्यान देना होगा, जो जलवायु परिवर्तन को लेकर संवेदनशील हिमालय के अनुकूल हो। यह स्पष्ट रुप से अब तक देखने में आया है कि चारधाम परियोजना में अपनाए मानकों ने हिमालयी घाटियों और पहाड़ी ढालों को जर्जर और कमजोर बनाया है। कई भूस्खलन जोन पैदा कर दिए हैं। जो आने वाले कई वर्षों तक मुसीबत का सबब बने रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *