उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड की बेची गई बिजली में करीब 70 करोड़ की गड़बड़ी के आरोपी तीन निलंबित अधिकारियों को बहाल कर दिया गया है। 14 महीने में भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। इससे पहले तीन आरोपी अधिकारी रिटायर होकर पेंशन पा रहे हैं। कंपनी ने अभी तक रकम नहीं लौटाई है। दरअसल, ऊर्जा निगम ने सरप्लस बिजली को बाजार में बेचने का जिम्मा मित्तल क्रिएटिव कंपनी को दिया। कंपनी ने करीब 56 करोड़ की बिजली बाजार में बेची जरूर, लेकिन समय पर ऊर्जा निगम को भुगतान नहीं किया था। मार्च 2020 में कोरोना के बाद पैसा आना काफी कम हो गया था। पूर्व में भी भुगतान में देरी होती रही। 56 करोड़ के बकाये के साथ ही लेट पेमेंट सरचार्ज भी 16 करोड़ रुपये पहुंच गया था। कुल 72 करोड़ का भुगतान लंबित था, जिसका संज्ञान यूपीसीएल ने लिया। तत्कालीन निदेशक परियोजना, निदेशक वित्त और वरिष्ठ विधि अधिकारी की जांच समिति का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर यूपीसीएल प्रबंधन ने छह अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। 12 अधिकारियों को चार्जशीट दी गई थी और तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया था।