कल तक कांग्रेस के सियासी खेत चरने वाले उज्याडू बल्द (उजाड़ने वाला बैल) की संज्ञा पा चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अब पार्टी की राजनीतिक जमीन को हर-भरा बनाने के लिए काम करेंगे। उनकी वापसी से होने वाले नफा-नुकसान का गुणा-भाग करने के बाद ही कांग्रेस पार्टी में उनकी एंट्री हुई है। ऐसे में पार्टी हरक के प्रभाव वाली गढ़वाल संसदीय क्षेत्र की सभी सीटों पर उन्हें बतौर स्टार प्रचारक मैदान में उतार सकती है।
भाजपा पर सियासी हमला करने के लिए हरक सिंह पार्टी के लिए तुरूप का इक्का साबित हो सकते हैं। भाजपा से निष्कासित होने के पांच दिन बाद कांग्रेस पार्टी में एंट्री के साथ ही हरक सिंह रावत को पार्टी में लिए जाने से होने वाले नफा-नुकसान को लेकर भी बहस शुरू हो गई है। वर्ष 2016 की घटना के बाद जिस तरह से पूर्व सीएम हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच जुबानी जंग चली, उससे उनकी पार्टी में पुन: एंट्री को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब उनकी पार्टी में वापसी के बाद यह भी तय हो गया है कि कांग्रेस हरक सिंह रावत के सियासी रूतबे को अपनी खोई सियासी जमीन को वापस पाने के लिए बखूबी इस्तेमाल करेगी।