प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। वर्चुअल माध्यम से हो रहे इस शिखर सम्मेलन के दौरान इसमें शामिल होने वाले नेता क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के कदमों पर विचार-विमर्श करेंगे और इसे लेकर अपने विचार साझा करेंगे।
इस शिखर सम्मेलन में पांच देशों के राष्ट्रपति हिस्सा लेंगे। इनमें कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोटाएव, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमान, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्डिमोहम्मद और किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति सादिर जापारोव के नाम शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने इस शिखर सम्मेलन को लेकर कहा कि यह भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच नेताओं के स्तर पर अपनी तरह का पहला आयोजन होगा। मंत्रालय ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं की ओर से व्यापक और स्थायी भारत-मध्य एशिया साझेदारी के महत्व का प्रतीक है।
इस सम्मेलन का आयोजन भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के एक दिन बाद किया जा रहा है। जिसमें इस बार किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया। पांच मध्य एशियाई देशों के नेताओं को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने की योजना थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका था।