फाल्गुन मास की कांवड़ यात्रा में बारिश और ठंड भी शिवभक्तों की परीक्षा ले रही है। मौसम बदलने के बाद भी कांवड़ियों के कदम थम नहीं रहे। पैदल कांवड़ यात्री अपने गंतव्य के लिए निकल चुके हैं। अब डाक कांवड़िए पहुंच गए हैं। इसके साथ ही आसपास के श्रद्धालु भी गंगाजल लेने के लिए आने लगे हैं।
फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि एक मार्च को है। करीब दो साल बाद कोरोना संक्रमण का असर कम होने व मौसम में भी काफी परिवर्तन होने के चलते इस बार 21 फरवरी से बड़ी संख्या में कांवड़िए पहुंचने लगे थे। अब तक हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के पैदल कांवड़ यात्री अपने गंतव्यों की तरफ पहुंच चुके हैं।