एसआईटी करेगी जांच, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बढ़ सकती है मुश्किलें

पिछली सरकार में कर्मकार बोर्ड के जरिए साइकिल वितरण प्रकरण की एसआईटी जांच होने जा रही है। विभाग की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बोर्ड ने जरूरत से ज्यादा संख्या में साइकिल खरीद की थी, साथ ही साइकिलें अपात्र लोगों को बांटी गई थी। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कर्मकार बोर्ड का मामला सुर्खियों में बना रहा। बोर्ड पर श्रमिकों की दी जाने वाली साइकिलों के वितरण में धांधली के आरोप लगे थे।

आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने तब इस प्रकरण का खुलासा किया था। बाद में बोर्ड के काम-काज की विभागीय जांच भी बैठी, जिसमें यह बात सामने आई थी कि एक तो बोर्ड ने जरूरत से ज्यादा साइकिलों की खरीद कर ली थी, जिन्हे पूरा बांटा तक नहीं जा सका। उस पर श्रमिकों के नाम पर कई अपात्रों को साइकिल वितरित की गई।

इसके बाद विभाग ने जिलाधिकारियों से भी साइकिल वितरण की जांच कराई थी, जिसमें तकरीबन सभी जगह साइकिल वितरण में गड़बड़ी की बात सामने आ चुकी है। चूंकि इस प्रकरण में व्यापक स्तर पर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है, इसलिए सचिव श्रम चंद्रेश यादव ने इसकी तटस्थ एजेंसी से जांच की सिफारिश की थी। इसी क्रम में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली सतर्कता समिति ने प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने पर सहमति व्यक्त कर दी है। एसआईटी का गठन गृह विभाग के स्तर से किया जाएगा।

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