-खुलासा : डेथ ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट से चला पता
दिल्ली में ज्यादातर मौत के पीछे कोरोना महज एक संयोग रहा। डेथ ऑडिट कमेटी की एक रिपोर्ट के अनुसार राजधानी के अस्पतालों में मरने वालों के जब चिकित्सीय दस्तावेज की समीक्षा की गई तो पता चला कि बहुत कम लोगों की मौत में कोरोना संक्रमण प्राथमिक कारण मिला।
अधिकांश मृतकों के पीछे कोरोना संक्रमण एक संयोग रहा है। अलग-अलग हादसों में घायलों की भी मौत हुई, जिनमें से कुछ कोरोना संक्रमित थे। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी से अब तक करीब 900 से ज्यादा लोगों की मौत हुई हैं।
इनमें से करीब एक चौथाई मौत के पीछे कोरोना संक्रमण एक कारण रहा, लेकिन 70 फीसदी मौत किसी अन्य कारणों के चलते हुई हैं। इनके अलावा बकाया पांच फीसदी को अन्य श्रेणी में रखा गया।
आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 18 अप्रैल के बीच दिल्ली में कुल 905 लोगों की मौत हुई हैं। इनमें 227 मौतें कोरोना संक्रमण से हुईं, जबकि बाकी 681 मौत में कोरोना संक्रमण मुख्य कारण नहीं था।
कमेटी के एक सदस्य और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि साल 2020 में कोरोना संक्रमण से मरने वालों के पीछे कारण पता करने के लिए डेथ ऑडिट कमेटी बनाई गई थी। कमेटी के पास सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों से जानकारी एकत्रित होती है और फिर उनके चिकित्सीय कागजों की समीक्षा के आधार पर यह तय किया जाता है कि उक्त के पीछे संक्रमण सीधे तौर पर कारण है अथवा नहीं।
उन्होंने बताया कि साल 2020 और 2021 में स्थिति कुछ और थी लेकिन इस साल वे लगातार देख रहे हैं कि अस्पतालों में मरने वालों में कोरोना केवल एक संयोग के रूप में ही दिखाई दे रहा है। चिकित्सीय आधार पर देखें तो इन लोगों की मौतें दूसरी बीमारियां या कारणों के चलते हुई हैं।
कमेटी के अनुसार, इस साल 13 जनवरी से तीन फरवरी के बीच 691 लोगों की मौत हुई। इनमें से 152 मौतें सीधे तौर पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हैं, लेकिन 530 लोगों की मौत में कोरोना मुख्य कारण नहीं है। इस दौरान नौ ऐसी भी मौतें दर्ज की गईं, जिन्हें ट्रॉमा सेवा के लिए भर्ती किया गया था। ये हादसे में घायल, आग में झुलसे इत्यादि केस से जुड़े हैं।