नागपुर। अपने जमाने के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी और पूर्व आल इंग्लैंड चैंपियन प्रकाण पादुकोण ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड की कार्यप्रणाली की तारीफ करते हुए देश के अन्य खेल महासंघों को बीसीसीआई से सीख लेने की सलाह दी। पादुकोण ने यहां नागपुर खेल पत्रकार संघ (एसजेएएन) के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा, ‘‘ एक समय था जब क्रिकेट काफी सीमित था लेकिन अब इतना अधिक बढ़ गया है कि सीमायें नजर नहीं आ रही हैं। इस श्रेय बीसीसीआई की स्पोर्ट्स मार्केटिंग को जाता है। ओलम्पिक खेलों के हमारे खेल महासंघों को बीसीसीआई से सीख लेनी चाहिए। इसमें खेल, खिलाड़ी और संगठन तीनों को लाभ होगा।’’ केवल 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियन बनने वाले पादुकोण ने कहा कि आज के खिलाड़ी काफी भाग्यशाली हैं क्योंकि उनके पास कई विकल्प हैं।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पादुकोण ने कहा, ‘‘ एक समय सिर्फ क्रिकेट की नजर आता था लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। आज कई चीजें हो रही है और यह बरकरार रहना चाहिए। खिलाड़ियों को जितने अधिक मौके मिलेंगे, वे उतना अधिक खुद में सुधार कर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब खेल और खिलाड़ियों के लिए सरकार भी गंभीर हो गई है और कई फाउंडेशन भी आगे आ रहे हैं। यह अच्छी शुरूआत है।
देश में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जो नजर में नहीं आ पाते लेकिन सरकार और फाउंडेशन आदि की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों से भी खिलाड़ियों की प्रतिभा को सामना लाया जा रहा है। ’’इस अवसर पर विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया गया। इनमें भारतीय महिला क्रिकेटर मोना मेशराम को महिला वर्ग में जबकि पुरुष वर्ग में विदर्भ रणजी टीम के तेज गेंदबाज ललित यादव को सीनियर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार प्रदान किया गया। लड़कियों के जूनियर वर्ग में बैडमिंटन खिलाड़ी मालविका बंसोड़ और लड़कों में शतरंज खिलाड़ी रौनक साधवानी को पुरस्कृत किया गया। वहीं, शहर में विभिन्न खेलों के आयोजनों में मुख्य भूमिका निभाने के लिए प्राचार्य डा– बबनराव तायवाड़े को ज्येष्ठ क्रीड़ा संगठन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।