- रेसकोर्स में गुरमिन्दर को बंधक बनाकर की थी लूट
- लूटी गई लाईसेंसी पिस्टल, अवैध हथियार व 12 लाख कीमत की घडियां की बरामद
- सभी लुटेरे मेरठ के रहने वाले अपराधिक प्रवृति के
- पुलिस की पांच टीमों ने किया खुलासा
देहरादून। थाना नेहरूकालोनी क्षेत्रान्तर्गत रेसकोर्स में हुई लूट का खुलासा करते हुए दून पुलिस ने अन्तरराज्यीय चार डकैतों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से लूटी गयी लगभग 12 लाख रूपये की बेश्कीमती घडियां, लाइसेंसी रिवाल्वर, इग्निस कार व अन्य हथियार बरामद किए। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि वादी गुरमिन्दर सिह सरना निवासी डी-21 रेसकोर्स ने थाना नेहरु कालोनी पर आकर लिखित तहरीर दी कि वो सुबह 4ः30 बजे अपने घर के बाहर सुबह की सैर को निकलने ही वाले थे कि तभी तीन अज्ञात लोगों ने उन्हें अचानक दबोच लिया और उन्हें घर के अन्दर ले जाकर बन्धक बनाकर उनके साथ आसलहों के दम पर मारपीट की गयी और हाथ पैर बाँधकर उनके घर से करीब 4 लाख रुपये नगद, इगनिस कार संख्या यूके-07-एफजी-6589 व 6 महंगी घड़ियाँ करीब 12 लाख लूट कर ले गये। सुबह-सुबह हुए लूट की घटना के खुलासे के लिए 5 टीमों का गठन कर उन्हें घटना के अनवारण एवं लुटेरों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया। गठित टीमों को उत्तराखण्ड व बाहरी राज्यों हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब व चंडीगढ़ रवाना किया गया। टीमों घटना स्थल के आस-पास तथा मार्ग के करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का गहनता से अवलोकन किया गया। साथ ही मुखबिर तन्त्र को सक्रिय किया गया। टीमों के लगातार किये जा रहे प्रयास तथा मुखबिर की सूचना के माध्यम से पुलिस टीम की गहनता से संदिग्धों से पूछताछ व छानबीन कर सूचनाओं का संकलन करते हुए आरोपी अतुल राणा को उसके गांव हसनपुर, मेरठ को गिरफ्तार किया गया। जिससे पूछताछ से जानकारी हासिल कर अन्य तीन आरोपियों सुशील कुमार, अमृत तथा दीपक को बुधवार प्रातः आशारोडी देहरादून से गिरफ्तार किया गया। लुटेरों के कब्जे से लूट का माल तथा अवैध हथियार बरामद किये गये। पुछताछ में लुटेरों ने पूर्व में ग्रेटर नोयडा में एक डाक्टर का अपहरण कर पाँच करोड़ की फिरौती माँगी गयी थी। इसके अलावा मन्नापुरम गोल्ड फाईनेन्स से करीब 15 किलो सोने की लूट की गयी थी। जिसमें वह फरार चल रहे थे। आरोपियों के कब्जे से बरामद पिस्टल, कारतूस व अवैध तमन्चे के आधार पर अलग से आर्म्स एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। आरोपियों के विरूद्ध बाहरी राज्यो में लूट, हत्या, मारपीट व डकैती के कई अन्य मुकदमें दर्ज हैं। ?
पडोसियों के आपसी झगड़ने से बनी लूट की योजना
देहरादून। लूट के मुख्य आरोपी सुशील कुमार ने पूछताछ पर बताया कि मैं बीए पास हूँ और मैं गाजियाबाद में ट्रान्सपोर्टर का काम करता था। डेढ साल पहले मैं देहरादून रेसकोर्स में अपने दोस्त जितेन्द्र के पास आया था जो सरदार गुरमिन्दर सिह के घर के बगल में एक आँफिस में काम करता था। जितेन्द्र के साथ दीपक भी रहता था, जो मेरे गाँव का ही है। हम कभी कभार उसके पास घूमने आ जाते थे। डेढ साल पहले मैं जितेन्द्र के पास आया था और हमने उस रात काफी दारु पी थी। सुबह-सुबह मैंने शोर शराबा सुनकर मैं बाहर आया तो देखा जितेन्द्र बगल में सरदार जी के साथ बेल काटने को लेकर बहस कर रहा था। मैने जितेन्द्र को चुप कराया और अन्दर ले गया तब जितेन्द्र ने बताया कि ये सरदार बडा पैसे का घमन्ड दिखाता है तथा इसके आगे पीछे कोई नहीं है। तभी उन्होंने लूट की योजना बताई।
लूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम
देहरादून। लूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में सीओ नहेरू कालोनी अनिल कुमार जोशी, थाना अध्यक्ष लोकेन्द्र बहुगुणा, उपनिरीक्षक बलवीर डोभाल, अरुण असवाल, कांस्टेबल बृजमोहन, श्रीकान्त, कमलेश सजवाण, सुनीत कुमार, निरीक्षक मुकेश त्यागी, उपनिरीक्षक नरेश राठौर, सन्दीप कुमार, निरीक्षक केआर पान्डे, उपनिरीक्षक सैंकी कुमार, दीपक धारीवाल, कांस्टेबल ललित, पंकज, अमित, किरन, नवनीत, सोनी कुमार, मनोज, अरशद, वरिष्ठ उपनिरीक्षक योगेश दत्त, उपनिरीक्षक पंकज तिवारी, देवेश खुगसाल, अमित मंमगाई, कांस्टेबल आशीष राठी, दीप प्रकाश, रविन्द्र टमटा, नरेश रावत, मुकेश कण्डारी व हेमवती बहुगुणा शामिल रहे।