देहरादून। डोईवाला थाना क्षेत्र में साढ़े चार साल पूर्व हुए नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने दोषी को सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी युवक पर 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है, जिसमें से 20 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पोक्सो एक्ट बनने के बाद डोईवाला थाना क्षेत्र का यह पहला मामला था।
विशेष लोक अभियोजक बीएस नेगी ने अदालत को बताया कि दोषी शहवान पुत्र हनीफ डोईवाला थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। पांच अप्रैल 2014 को उसके गांव की आठ साल की बच्ची दिन में साढ़े तीन बजे के करीब घर से थोड़ी दूर शौच के लिए गई थी।
शहवान उसका पीछा करते हुए खेत की ओर चला गया। यहां शहवान ने बालिका को डरा-धमका कर उसके साथ दुष्कर्म कर दिया। काफी देर तक बालिका वापस नहीं आई तो उसकी मां तलाश करते हुए खेत की तरफ गई, तो देखा कि बेटी बदहवाशी की हालत में पड़ी है और उसके अंतवस्त्र खून से सने हैं।
पीड़िता बेटी को लेकर मां डोईवाला थाने पहुंची। यहां से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बालिका तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रही, उसे आठ अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी दी गई। सुनवाई के दौरान 164 के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने शहवान को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से दस और बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह पेश किए गए। बचाव पक्ष ने बयान दिया कि शहवान को रंजिशन फंसाया जा रहा है, लेकिन इसके कोई साक्ष्य प्रस्तुत न किए जाने के चलते अदालत ने इसे निराधार माना।