राजस्थान के डूंगरपुर के गिरोह ने एक साल में देशभर के 1000 लोगों को एस्कॉर्ट सर्विस दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठग लिए। दक्षिण जिले की साइबर थाना पुलिस ने अशोक पाटीदार (23), दीपक तेली (29), मनीष पाटीदार(19), रौनक सुथार (19) और विनोद पाटीदार (24) को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। अशोक व दीपक अहमदाबाद में एक दुकान पर काम कर चुके हैं, जबकि मनीष स्नातक कर रहा है। विनोद की कोरोना काल के दौरान नौकरी चली गई थी। आरोपी फर्जी आईडी से खुले बैंक खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर कराते थे। मोबाइल नंबर भी आरोपियों ने फर्जी आईडी पर ले रखे थे।
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी के अनुसार, बड़ी कंपनी में सलाहकार दक्षिण दिल्ली निवासी शख्स ने साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा को 17 अप्रैल को शिकायत दी थी कि उसने एस्कॉर्ट सर्विस के लिए वेबसाइट सर्च की थी।
उसने वेबसाइट से मिले एक नंबर पर फोन किया तो आरोपियों ने उसे कुछ लड़कियों की फोटो भेजी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन के नाम आरोपियों के ओर से दिए गए बैंक खाते में उसने 500 रुपये जमा करा दिए। आरोपियों ने होटल बुकिंग, पुलिस सत्यापन, कार सर्विस सहित अन्य शुल्क के नाम पर 1,48,047 रुपये ऐंठ लिए। जब शख्स ने एस्कॉर्ट सर्विस लेने से मना कर पैसे वापस मांगे तो आरोपी और पैसे मांगने लगे। बाद में आरोपियों ने फोन उठाना बंद कर दिया।
मामला दर्ज कर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर हंसाराम, एसआई संजय सिंह, हवलदार तरुण राघव व हवलदार संदीप कुमार की टीम ने जांच शुरू की। एसआई संजय सिंह की टीम ने मोबाइल सर्विलांस के साथ पीड़ित की ओर से जिन बैंक खातों में पैसे जमा कराए थे, उनकी डिटेल खंगाली। जांच में पता लगा कि ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला मोबाइल उदयपुर सिटी, डूंगरपुर का है। पेटीएम से जानकारी ली गई। करीब एक महीने की जांच के बाद एसआई संजय सिंह व हवलदार तरुण राघव की टीम ने पांचों आरोपियों को 5 जून को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया।