उत्तराखंड में सभी लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ सकती है। साथ ही उन्हें पैतृक संपत्ति में लड़कों के समान बराबरी का अधिकार दिया जा सकता है। इन दोनों ही मुद्दों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार कर रही विशेषज्ञ समिति गंभीरता से विचार कर रही है। समिति हलाला और इद्दत पर रोक लगाने वाले सुझावों का भी अध्ययन कर रही है।कुछ दिन पूर्व ही समिति की अध्यक्ष व सदस्यों ने नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ भी समान नागरिक संहिता के लिए संवाद किया था। जन संवाद में तकरीबन उसी तरह के सुझाव समिति को प्राप्त हुए जो बाकी प्रदेश से अलग-अलग क्षेत्रों में हुए जन संवादों में और ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से इकट्ठा किए गए थे। इन सुझावों की संख्या करीब 2.31 लाख से अधिक है, जिनका समिति के सदस्यों ने गहन अध्ययन कर महत्वपूर्ण, जरूरी और प्रासंगिक सुझावों को छांटा है। अब इन सुझावों के आधार पर समिति ने ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अभी समिति ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया में है। अभी कोई ब्लू प्रिंट तैयार नहीं हुआ है। लेकिन समिति का पूरा प्रयास है कि ड्राफ्ट तय समय से पहले सरकार को सौंप दिया जाए। जो सुझाव आए हैं, उन पर समिति गंभीरता से विचार कर रही है।