बिजली की दर बढ़ाने को विभाग ने कसी कमर

देहरादून। यूपीसीएल वर्ष 2018-19 के लिए बिजली दरों में 13.5 फीसद वृद्धि करने का प्रस्ताव यूईआरसी को देगा। सोमवार को यूपीसीएल की निदेशक मंडल की बैठक में प्रस्ताव का अनुमोदन हुआ। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) अगले तीन महीने में प्रस्ताव का अध्ययन, गणना के साथ ही जन सुनवाई करेगा। जिसके बाद मार्च के अंतिम सप्ताह में नए टैरिफ की घोषणा होगी।

सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने 22 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन, कुछ दिन पहले ऑडिट कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें कमेटी सदस्यों ने इसे अधिक बताया था और कम करने की बात कही थी। अब यूपीसीएल ने इसे कैसे कम किया, ये बाद में ही पता चल सकेगा। बैठक सचिव ऊर्जा एवं निदेशक मंडल की अध्यक्ष राधिका झा की अध्यक्षता में हुई।

इसमें अपर सचिव ऊर्जा एवं पिटकुल के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान, यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा, यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा, यूपीसीएल के स्वतंत्र निदेशक जेएल बजाज, सीएम वासुदेव, अब्दुल सामी, निदेशक वित्त एमएल वर्मा, निदेशक परियोजना एमके जैन, निदेशक परिचालन अतुल अग्रवाल, निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी आदि मौजूद रहे।

वर्ष—————–प्रस्ताव——-वृद्धि(फीसद)

2017-18—-13.48—-5.72

2016-17—-24.96—-4.99

2015-16—-26.24—-7.13

यूजेवीएनएल और पिटकुल का भी टैरिफ प्रस्ताव तैयार 

सोमवार को उत्तराखंड जलविद्युत निगम (यूजेवीएनएल) और पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) की भी सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में निदेशक मंडल की बैठक हुई। दोनों निगमों के टैरिफ को लेकर चर्चा हुई और निदेशक मंडल ने प्रस्ताव पास किया। अब इसे यूईआरसी को भेजा जाएगा।

वर्ष 2017-18 के टैरिफ के अनुसार दरें 

  • घरेलू, 3.89 रुपये प्रति यूनिट
  • अघरेलू, 5.69 रुपये प्रति यूनिट
  • एलटी उद्योग, 5.38 रुपये प्रति यूनिट
  • एचटी उद्योग, 5.41 रुपये प्रति यूनिट
  • 3.81 फीसद बढ़े थे दाम

अगस्त में भी बिजली दरों में 3.81 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई थी। दरअसल, राज्य की पनबिजली परियोजनाओं पर लगने वाले उपकर और रॉयल्टी के मानक में बदलाव किया था। पहले ऐसी परियोजनाओं से उत्पादित बिजली पर जो उपकर और रॉयल्टी लगती थी वह दस साल से पुरानी हैं और इनका टैरिफ 80 पैसे प्रति यूनिट से कम है। लेकिन, टैरिफ का मानक दो रुपये प्रति यूनिट कर दिया है।

क्योंकि वर्तमान में सभी परियोजना का टैरिफ 80 पैसे प्रति यूनिट से ज्यादा हो गया था। इसके अलावा वर्ष 2015-16 के टैरिफ में करीब 58 करोड़ रुपये का खर्च शामिल नहीं हुआ था। साथ ही यूपीसीएल को वैकल्पिक ऊर्जा दायित्व पूरा करने के लिए 69 करोड़ के रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट खरीदने की जरूरत थी। इन सभी के अनुसार टैरिफ बढ़ाया गया था। वहीं, फ्यूल चार्ज का भी उपभोक्ताओं पर पड़ा।

छह बिजलीघर बनेंगे

यूपीसीएल की निदेशक मंडल की बैठक में छह बिजली घर बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिली। हरिद्वार के आर्यनगर, सिडकुल हरिद्वार के फेज-5, फेज-11, रुड़की के सिकंदरपुर, देहरादून के मोथरोवाला, श्रीनगर के चौरास में बिजली घर प्रस्तावित हैं। इसके अलावा मोहकमपुर में बन रही 220 केवी सब स्टेशन से छह 33 केवी के फीडर निकालने का प्रस्ताव भी पास हुआ।

घातक दुर्घटना की सहायता राशि बढ़ी

घातक बिजली दुर्घटना में पीडि़तों को मिलने वाली सहायता राशि दो लाख रुपये बढ़ा दी गई है। अभी तक यह धनराशि दो लाख रुपये थी। इसे चार लाख रुपये करने के प्रस्ताव को भी निदेशक मंडल ने पास किया।

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