देहरादून। उत्तराखंड में नई स्थानांतरण नीति को लेकर राज्य के कर्मचारी संगठनों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस कड़ी में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में विभिन्न कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। बैठक में राधा रतूड़ी ने कर्मचारियों की सुविधाओं और लोगों को बेहतर सेवाओं को देने के लिए नई स्थानांतरण नीति के लिए सुझाव मांगे।
एसीएस राधा रतूड़ीबता दें कि उत्तराखंड में स्थानांतरण नीति को लेकर शासन ने कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगे हैं। इसी के मद्देनजर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश के तमाम कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान बैठक में कार्मिक, न्याय और वित्त विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में स्पष्ट किया गया कि कर्मचारियों के हितों और आम लोगों की सुविधाओं को देखते हुए एक नई स्थानांतरण नीति तैयार की जाएगी।
सके लिए कर्मचारी संगठन अपने सुझाव देकर इस नई स्थानांतरण नीति को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में 15 से 20 साल पहले अति दुर्गम और दुर्गम की श्रेणी में आने वाले कई क्षेत्र अब सड़क मार्ग बनने के बाद सुगम स्थलों में तब्दील हो गए हैं। ऐसे में एक बार फिर इन क्षेत्रों को पुनरीक्षित किए जाने की जरूरत है।वहीं, बैठक में कर्मचारियों को अपने सेवा काल के दौरान एक बार गृह जनपद में तैनाती, पदोन्नति और स्थानांतरण में काउंसलिंग कराने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव भी मिले हैं। फिलहाल, शासन की तरफ से कर्मचारी संगठनों को लिखित रूप से अपने सुझाव देने के लिए भी कहा गया है। दरअसल, उत्तराखंड में स्थानांतरण नीति में समय-समय पर बदलाव के प्रयास होते रहे हैं। स्थानांतरण नीति पारदर्शी होने के साथ कर्मचारियों के हितों वाली हो, इसके लिए भी प्रयास हो रहे हैं।