शिक्षा में समुदाय की सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहाः सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गणतंत्र दिवस पर राज्य के छात्र-छात्राओं को विशेष बधाई देते हुए कहा है कि 75वां गणतंत्र दिवस पूरे राष्ट्र में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मैं इस पुनीत अवसर पर प्रदेश के समस्त नागरिकों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं समस्त कर्मचारियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। मैं उन स्वतंत्रता सेनानियों को हृदय से नमन करता हूँ जिन्होने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जन-जन तक शिक्षा को पहुँचाने के लिए कई योजनाएँ चलाई गई हैं। शिक्षा में समुदाय की सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए हर विद्यालय में विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। विकासखण्ड, संकुल स्तर पर समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
आमजन को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 141 राजकीय विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित करने हेतु भारत सरकार की पी०एम० श्री स्कूल योजना से जोड़ा गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा ग्रहण करने के अवसर प्रदान किए गए है। इसके लिए 94,000 से अधिक बच्चों को उनको इच्छा के अनुसार निजी विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययन सुविधा दी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में शासकीय, आवासीय एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम को लागू करने वाले मदरसों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें एवं अनुसूचित जाति, जनजाति तथा बी०पी०एल० परिवारों के बच्चों को निःशुल्क गणवेश उपलब्ध कराई गई है। आगामी वर्ष में भी इन वर्गों के बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जानी प्रस्तावित है। विभिन्न छात्रवृत्तियों जैसे मुख्यमंत्री प्रोत्साहन, राष्ट्रीय साधन सहयोग्यता, डॉ शिवानंद नौटियाल, श्रीदेव सुमन के माध्यम से विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित मंशा के अनुरूप अतीत की गौरवशाली विरासत से बच्चों को जोड़ने के लिए श्हमारी विरासत, हमारी विभूतियांश् नाम से पाठ्य पुस्तके तैयार की जा रही है। स्थानीय लोकभाषाओं पर आधारित पाठ्य पुस्तकों को बनाने का कार्य भी गतिमान है, जिससे हमारे नौनिहाल अपनी सांस्कृतिक समृद्धि से परिचित हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं को ध्यान में रखते हुए बालवाटिका कक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयास किए गए है। बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे है।
विद्याथियों के व्यक्तिगत, शैक्षिक और करियर के क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए बालसखा कार्यक्रम चलाया गया है। विद्यालय स्तर पर श्हमारी समस्या हमारा समाधान पेटिका के माध्यम से बच्चों की समस्याओं का समाधान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से अपेक्षा की कि विद्यार्थियों के लाभ के लिए चलाई जा रही योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। भारतीय संस्कृति में वर्णित गुरू की गरिमा के अनुरूप शिक्षक, विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित हो।

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