देहरादून। जनपद में रात के समय पुलिस की सक्रियता चेक करने के लिए बनी सुपर जोनल और जोनल चेकिंग सिर्फ परंपरा का हिस्सा बन कर रह गई है। अफसर से लेकर इंस्पेक्टर और थानेदार तक इस महत्वपूर्ण चेकिंग की केवल रस्म अदायगी ही कर रहे हैं।
गंभीर तो यह कि हर दिन अफसर चेकिंग में सबकुछ ओके होने की रिपोर्ट भी दे देते हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि पुलिस तंत्र हर स्तर पर मुस्तैद है तो चोरियां क्यों नहीं रुक रही हैं। दरअसल, यह चेकिंग यारी-दोस्ती पर ज्यादा चल रही है। सूत्रों की मानें तो जोनल चेकिंग में दूसरे थानों की चेकिंग में गए अधिकारी अपने इलाके की खामियों को छिपाने के मौखिक समझौते पर दूसरे के थाना क्षेत्र में मिली खामियों की अनदेखी कर जाते हैं। ऐसे में रात्रि गश्त, पिकेट ड्यूटी से गैरहाजिर मिले पुलिसकर्मियों की जानकारी अफसरों तक पहुंच ही नहीं पाती है।
सुपर जोनल चेकिंग:
शहर और ग्रामीण क्षेत्र की सुपर जोनल चेकिंग के लिए ड्यूटी लगती है। इस चेकिंग के लिए राजपत्रित अधिकारी जैसे एसपी ट्रैफिक, एसपी सिटी, एसपी ग्रामीण व सभी सर्किलों के सीओ को नामित किया जाता है। चेकिंग के दौरान थाने, चौकी पर स्टॉफ की मौजूदगी से लेकर चीता और मोबाइल टीमों की लोकेशन चेक करने के साथ अलग-अलग इलाकों में पुलिसकर्मियों को एकत्रित कर उन्हें क्षेत्र विशेष में हो रहे अपराध और अपराधियों के मोड्सऑपरेंडी के बारे में बताना होता है। गैरहाजिर व लापरवाह पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट भी करनी होती है।
जोनल चेकिंग:
इस चेकिंग के लिए शहर और ग्रामीण इलाकों के दो-दो थानों के जोन बनाए जाते हैं। निश्चित अंतराल पर जोन के थाने परिवर्तित होते रहते हैं। इसके लिए एसओ, एसएचओ व इंस्पेक्टरों की ड्यूटी लगती है। इस चेकिंग में चीता टीमों, गश्ती दलों के साथ बैंकों, एटीएम व अन्य प्रमुख स्थानों पर लगी गारद की ड्यूटी चेक करनी होती है। यह चेकिंग हर रोज होती है।
खुफिया कैमरों से भी निगरानी:
शहरी क्षेत्र में पुलिस पार्टियों की रात में मूवमेंट चेक करने के लिए अफसर खुफिया कैमरों का भी सहारा लेते हैं। इसके लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर तीस कैमरे इंस्टाल किए गए हैं, जो सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़े हैं।
नशे में मिले थे सिपाही:
तकरीबन तीन माह सुपर जोनल चेकिंग पर निकले एक अधिकारी को पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र के दो सिपाही गश्त के दौरान नशे की हालत में मिले थे, जिन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया गया था। ऐसे में सच तो यह है कि सुपर व जोनल चेकिंग यदि पूरी संजीदगी के साथ की जाए तो रात में सुस्त होती पुलिसिंग पर असर पड़ेगा और अपराध भी रुकेंगे।
सुपर जोनल और जोनल चेकिंग की हर दिन रिपोर्ट तलब की जाती है। इसमें लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी होती है। चेकिंग को प्रभावी बनाने के लिए और भी कदम उठाए जा रहे हैं।
– निवेदिता कुकरेती, एसएसपी