खून की नदियां बहाने पर थी बाबा को छुड़वाने की साजिश

पंचकूला। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के दो नजदीकी हनीप्रीत और विपासना के खिलाफ खड़े हो गए हैं। सिरसा निवासी अनिल कुमार और राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी राजेश कुमार ने सरकारी गवाह बनते हुए डेरा चेयरपर्सन विपासना के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। दोनों की गवाही से साफ हो गया है कि डेरा प्रमुख को छुड़वाने के लिए पंचकूला में खून की नदियां बहाने का फैसला लिया गया था।

जानकारी के अनुसार, राजस्‍थान के संगरिया के माला रामपुरा निवासी राजेश कुमार ने पुलिस को बताया कि 17 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा सिरसा में मुख्य कार्यक्रम था। डेरा प्रेमी होने के नाते वह उस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचा था। उस रात डेरे के तेरावास में हनीप्रीत, डॉक्टर आदित्य इंसां की अध्यक्षता में एक मीटिंग हुई थी। उसने कहा, इस मीटिंग में मैं गलती से चला गया। बैठक में सरदार चमकौर सिंह, विपासना, अभिजीत, गुरलीन, राकेश, ड्राइवर फूल, गोभी राम, दिलावर, राम सिंह के अलावा कुछ अन्य लोग मौजूद थे। उनके नाम मैं नहीं जानता लेकिन शक्ल पहचानता हूं। यहां साजिश रची गई थी कि 25 अगस्त को राम रहीम का सीबीआई कोर्ट में फैसला होना है, उसके लिए लाखों की संख्या में डेरा प्रेमी पंचकूला में अलग-अलग हिस्सों से डंडों, लाठियों, छतरियों, पेट्रोल-डीजल सहित पहुंचाने हैं। अगर फैसला खिलाफ आता है और गुरमीत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तो पंचकूला में तोड़फोड़, आगजनी करनी है। पुलिस वालों पर हमले किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त जान भी देनी पड़े या केंद्र सरकार का भी तख्तापलट करना पड़े, पीछे नहीं हटना है। डेरा प्रमुख को छुड़वाना है।

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