आईएसबी ने लॉन्च किया आई-वेंचर इमर्सिव (ivi) प्रोग्राम

  • छह महीने के ivi प्रोग्राम में छात्रों को कारोबार, स्टार्टअप से जुड़े सभी पक्षों को करीब से जानने-समझने का मौका मिलेगा। प्रोग्राम में ऐडमिशन के लिए इनोवेटिव आइडिया के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। इस प्रोग्राम के पहले बैच में 50 लोग चुने जाएंगे।

नई दिल्ली। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) ने आई-वेंचर इमर्सिव (‘ivi’) प्रोग्राम लॉन्च किया है, खास तौर पर ऐसे लोगों के लिए जो अपने इनोवेटिव आइडिआ को स्टार्टअप की शक्ल देना चाहते हैं और कारोबारी बनना चाहते हैं। इसे आईएसबी के आंत्रप्रेन्योरशिप यूनिट, आई-वेंचर ऐट आईएसबी (I-Venture@ISB), ने शुरू किया है। यह देशभर के उभरते व्यवसाईओं को अपने जूनून और मेहनत को सही मुकाम तक पहुँचाने का काम करेगा। दाखिला लेने के लिए बारहवीं के बाद की शिक्षा ज़रूरी नहीं है, न ही किसी मौजूदा एंट्रेंस एग्ज़ाम, जैसे GRE, GMAT वगैरा, की ज़रूरत होगी।
‘ivi’ के पहले बैच में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अक्टूबर से इसकी पढ़ाई शुरू होगी, जिसमें 50 सीट ऑफर की जा रही हैं। इस प्रोग्राम को ‘इनक्यूबेटर से ज़्यादा और स्कूल से बढ़कर’ की शक्ल दी गई है, जिसके तहत फुल-टाइम पाठ्यक्रम आईएसबी के हैदराबाद कैम्पस पर ऑफर किया गया है।
एप्लाई करने के लिए वीडियोज़ अपलोड करके अपना मोटिवेशन शेयर करना होगा। सलेक्शन प्रोसेस सिर्फ ग्रेड और मार्क्स तक सीमित नहीं है।
‘ivi’ में छात्रों को काबिलियत के हिसाब से अपने आइडिया को जमीन पर लागू करने के लिए वित्तीय सहयोग भी दिया जाएगा।
इस प्रोग्राम को हर तरह के आंत्रप्रेन्योर या इनोवेटर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनमें शामिल हैं: हाल ही में पढ़ाई पूरी करने वाले युवा जो अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं; टेक प्रोफेशनल जो कारोबारी समझ पाना चाहते हैं; और ऐसे युवा जो अपने फैमिली बिजनेस से हटकर या बढ़कर नया वेंचर शुरू करना चाहते हैं।
महिला उद्यमियों को खास तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, ऐसे में यह प्रोग्राम उनकी खास तौर पर मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह प्रोग्राम सैन्य सेवाओं में शामिल ऐसे लोगों के लिए भी है जो अपनी लीडरशिप स्किल का इस्तेमाल आंत्रप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में करना चाहते हैं।
पर इस प्रोग्राम का स्कोप यहीं तक नहीं है, बल्कि मूल ज़रूरत है आइडिया और जज़्बा। I-Venture@ISB के फैक्लटी डायरेक्टर प्रोफेसर भगवान चौधरी ने इस प्रोग्राम के बारे में आगे बताया, “हम ‘ivi’ के ज़रिए एक ऐसा ईको-सिस्टम बनाना चाहता है जो रचनात्मकता को बढ़ावा दे, निवेश के लायक हो, और लीडर पैदा करे. ये सभी फैक्टर भारत की उद्यमशीलता और डिवेलपमेंट को दिशा देने के लिए ज़रूरी हैं।” उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत वे महानगरों के अलावा छोटे शहरों और टियर-2 और -3 कस्बों और गांवों तक पहुंचना चाहते हैं।
‘ivi’ की फीस में कैम्पस में रहने की सुविधा भी शामिल है। इस प्रोग्राम के लिए कई स्कॉलरशिप भी हैं। पहले बैच में दाखिले के लिए www.isb.edu/ivi पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

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