फरीदाबाद: कैंसर केयर एवं रिसर्च में अग्रणी संस्थान राजीव गांधी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान संस्थान (आरजीसीआईआरसी) ने फरीदाबाद डॉक्टर्स फोरम के साथ मिलकर कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके बढ़ते भार से लड़ने हेतु मेडिकल पेशेवरों को सुसज्जित करने के लिए एक सतत शिक्षा कार्यक्रम (सीएमई) का आयोजन किया। कैंसर जैसी संभावित स्वास्थ्य संबंधी गंभीर स्थिति की रोकथाम और प्रभावी प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों ने सिरदर्द का समाधान शुरुआत में ही करने के महत्व पर प्रकाश डाला। जल्द जांच-पड़ताल और निदान सिरदर्द सहित स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के शीघ्र प्रबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, ताकि उन्हें और भी गंभीर समस्या बनने से रोका जा सके।
आरजीसीआईआरसी, रोहिणी में न्यूरो एवं स्पाइन ऑन्कोलॉजी के चीफ डॉ. (प्रो.) ईश्वर चंद्र प्रेमसागर ने सिरदर्द के प्रबंधन और सर्जरी एवं साइबरनाइफ की भूमिका पर बोलते हुए कहा, “ज्यादातर सिरदर्द साधारण होते हैं, लेकिन कुछ ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं। इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए जरूरी है कि खतरे के संकेतों को समझकर समय से मेडिकल परीक्षण कराया जाए, और गंभीर स्थिति को सटीकता से लक्षित और न्यूनतम साइड इफेक्ट के साथ बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए साइबर नाइफ जैसी विधि से अत्याधुनिक ट्रीटमेंट लिया जाये।”
आरजीसीआईआरसी, नीति बाग में मेडिकल ऑन्कोलॉजी कंसलटेंट डॉ. कपिल गोयल ने क्लीनिकल प्रैक्टिस में कैंसर की शीघ्र पहचान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “प्रभावी ईलाज के लिए कैंसर की जल्द पहचान बहुत आवश्यक है। गांठ, अल्सर, आवाज में बदलाव, अचानक रक्तस्राव (ब्लीडिंग), लंबा बुखार और लगातार कमजोरी जैसे लक्षणों की पहचान जनरल फिजिशियनों और आम जनता को जरूर होनी चाहिए। अल्ट्रासॉउन्ड, सीटी स्कैन, एमआरआई और ब्लड टैस्ट जैसे क्लीनिकल जांच-पड़ताल समय से कराने से रोग का जल्द पता चलने के साथ-साथ परिणाम भी बेहतर आते हैं। आसानी से उपलब्ध और अक्सर दर्दरहित इन डायग्नोस्टिक प्रणालियों के बारे में जागरूकता फिजिशियन और मरीजों दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”
सिरदर्द को साधारण माना जाता है, जैसे कि माइग्रेन जोकि महिलाओं में आम होता है, और मानसिक दबाव के कारण चिंता का सिरदर्द। विशेषज्ञों ने समय के साथ सिरदर्द की प्रकृति पर निगरानी के महत्व पर जोर दिया। यदि सिरदर्द ज्यादा जोर से, जल्दी-जल्दी और ज्यादातर सुबह के समय होता है, या उल्टी, जकड़न, दिखने में बदलाव या कमजोरी जैसे लक्षणों के साथ होता है, तो ये अधिक गंभीर स्थिति की आहट हो सकती है।
जांच-पड़ताल की बढ़ती जागरूकता और प्रगति ने अंतर्निहित स्थितियों की बेहतर पहचान को सुगम किया है, जिसमें पहले न देखे गए ट्यूमर भी शामिल हैं। विशेषज्ञों ने लगातार सिरदर्द की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लेने के महत्व पर जोर दिया। एमआरआई स्कैन जैसे सरल जांच-पड़ताल परीक्षण व्यापक रूप से सुलभ हैं, जिससे शुरुआत में ही पहचान संभव है।
विशेषज्ञों ने जोर दिया कि जिन कैंसर की पहचान शुरुआती चरणों में कर ली जाती है, उनको अक्सर ठीक किया जा सकता है। ओपीडी परामर्श के दौरान जनरल फिजिशियन और सर्जन आसानी से कैंसर की पहचान कर लेते हैं, यदि वे संकेतों और लक्षणों से परिचित हैं।
विशेषज्ञों ने मरीजों को ट्रीटमेंट के विकल्पों के दौरान मार्गदर्शन देने और उनकी जरूरतों के अनुसार व्यापक देखभाल प्रदान करने में डॉक्टरों की अहम भूमिका पर जोर दिया।
कार्यक्रम में फरीदाबाद और उसके आसपास के क्षेत्रों के अग्रणी मेडिकल प्रैक्टिशनरों ने भाग लिया।
सीएमई कार्यक्रम ने कैंसर उपचार से जुड़े नवीनतम ज्ञान से हैल्थकेयर पेशेवरों को सशक्त किया, ताकि वे कैंसर के खिलाफ लड़ाई में आगे रहते हुए अपने मरीजों को सर्वश्रेष्ठ देखभाल प्रदान कर सकें।