- अपस्किलिंग पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन के लिए उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार राज्य रहे सबसे आगे।
- 48 प्रतिशत महिलाओं ने डेटा एनालिटिक्स को चुना जिसके बाद डेवऑप्स एवं क्लाउड कंप्यूटिंग को 41 प्रतिशत और BFSI को 36 प्रतिशत महिलाओं ने चुना।
नई दिल्ली। भारत के जाने- माने एड-टेक प्लेटफॉर्म फिजिक्स वाला (पीडब्लू) द्वारा पीडब्लू स्किल्स के अंतर्गत अपस्किलिंग पाठ्यक्रमों में महिलाओं के नामांकन में काफी वृद्धि दर्ज हुई है। जहां 2023 में 20 प्रतिशत महिलाएं ही इनके लिए नामांकन कराती थीं, उनकी संख्या 2024 में बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई है। इस वृद्धि का कारण वहां की बेहतरीन शिक्षा और विद्यार्थियों के करियर को सफल बनाने में अपस्किलिंग पाठ्यक्रमों की अहम भूमिका के बारे में बढ़ती जागरूकता है।
पीडब्लू स्किल्स के हर पाठ्यक्रम में औसतन लगभग 2,800 विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं, जिनमें से लगभग 980 महिलाएं होती हैं। महिलाएं सबसे ज्यादा पाँच मुख्य पाठ्यक्रमों डेटा एनालिटिक्स, यूआई/यूएक्स डिजाइन, डेवऑप्स एवं क्लाउड कंप्यूटिंग, बीएफएसआई और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज (सी++, जावा, पायथन) को पसंद कर रही हैं। अभी तक डेटा एनालिटिक्स सबसे लोकप्रिय है, 48 प्रतिशत महिलाओं ने इस कोर्स को चुना है, इसके बाद डेवऑप्स और क्लाउड कंप्यूटिंग 41 प्रतिशत और बीएफएसआई कोर्स 36 प्रतिशत पर रहे। टियर 2 और टियर 3 शहरों में, 23 वर्ष से 28 वर्ष आयु वर्ग की ज्यादातर महिलाएं कौशल विकास पाठ्यक्रम को चुन रही हैं, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में काफी वृद्धि हो रही है।
पीडब्लू स्किल्स के चीफ़ बिज़नेस ऑफिसर आशीष शर्मा ने इस उत्साहवर्धक ट्रेंड के बारे में कहा कि रोजगार योग्यता के आधार पर तैयार करने वाले कौशल बाजार में कई अहम गैप्स हैं, जिनमें सबसे अहम हार्ड स्किल और सॉफ्ट स्किल गैप्स से लेकर नए जमाने के टेक्नोलोजी डिस्कनेक्ट और प्रैक्टिकल स्किल्स से अधिक डिग्री पर फोकस करना आदि है। जब हमने पीडब्लू स्किल्स की शुरुआत करी थी तब हमारा मकसद अपस्किलिंग पाठ्यक्रमों को सभी के लिए सुलभ और व्यवहार्य बनाकर इन गैप्स को भरना था। उन्नत, कौशल आधारित पाठ्यक्रम चुनने वाली महिला विद्यार्थियों में लगातार होने वाली वृद्धि से शिक्षा के लोकतंत्रीकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता साफ दिखाई देती है। हम बेहतरीन शिक्षा और कौशल विकास के लोकतंत्रीकरण के प्रभाव के चश्मदीद गवाह बनकर बेहद उत्साहित हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अपने करियर की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सशक्त हो रही हैं।