नयी दिल्ली। माकपा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को सीबीआई की नाकामी का परिणाम बताया है। पार्टी पोलित ब्यूरो की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले में अनुत्तरित सवालों के जवाब मिलने के बजाय सवाल और अधिक बढ़ गये हैं।
माकपा ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के आधार पर पहले से ही स्पष्ट था कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उच्चतम न्यायालय ने भी कुछ संचार कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन का दुरुपयोग करने की ओर इशारा किया था।
पार्टी ने कहा कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सीबीआई पुख्ता सबूत जुटाने में नाकाम रही। इस वजह से अदालत ने फैसले में सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी करने की बात कही।
माकपा ने इस मामले के सभी कानूनी पहलुओं को दुरुस्त करने की जरूरत पर बल दिया जिससे दोषियों को उपयुक्त सजा मिल सके।