50 करोड़ की ठगी के आरोप और पूर्व मुख्यमंत्री के पत्र के बावजूद नहीं हुए सिद्ध

एडीआर कंपनी के संचालक अंकित रावत ने जबरन वसूली और मानहानि की साज़िश का किया पर्दाफाश
देहरादून। देहरादून के प्रमुख उद्यमी और एडीआर कंपनी के संचालक अंकित रावत ने चकराता रोड स्थित एक होटल में मीडिया कर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पत्नी पूजा चमोली के साथ मिलकर अपने खिलाफ़ चल रहे पूरे विवाद को जबरन वसूली और मानहानि की साज़िश रची जा रही है है। उन्होंने मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि उक्त प्रकरण मामले में एक नया मोड़ तब आया जब रावत ने खुलासा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विगत 18 जुलाई 2021 को पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कथित रूप से 50 करोड़ की धोखाधड़ी की शिकायत पर उच्च स्तरीय जाँच और कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।
राजनीतिक पहुँच और गंभीर आरोपों के बावजूद, दून पुलिस द्वारा जांच पूरी करने के बाद अंकित रावत पर लगाए गए आरोप को शिकायतकर्ता सिद्ध नहीं कर पाया जिस कारण से पुलिस ने अपनी जांच पूरी करने के बाद जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को सौंप दी थी जिसमें उनके खिलाफ लगाए गए आरोप के प्रमाण नहीं मिलने की बात अंकित की गई थी, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह मामला केवल मुनाफा कमाने के उद्देश्य से पैसों के आपसी लेन-देन से संबंधित दीवानी प्रकृति का है और आपराधिक नहीं।
रावत ने शिकायतकर्ता राकेश चन्द्र बहुगुणा पर सवाल उठाया है कि जिस मामले में पुलिस खुद जाँच के बाद दोषमुक्त कर चुकी है, उसे जबरन आपराधिक रंग देकर सार्वजनिक रूप से बदनाम क्यों किया जा रहा है? उन्होंने पूछा है कि क्या वाकई में यह करोड़ों की ठगी थी, या फिर यह एडीआर कंपनी और कंपनी के निदेशक अंकित रावत को बदनाम करने के लिए धीरे-धीरे बुना जा रहा कोई जाल है? रावत ने आरोप लगाया है कि राकेश चंद्र बहुगुणा द्वारा पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर कोई तथ्य या दस्तावेज़ क्यों नहीं दिखाया गया, जिससे यह संदेह गहराता है कि उन्हें और उनकी कंपनी को बदनाम करने के लिए राकेश चंद्र बहुगुणा द्वारा मीडिया को गुमराह किया गया।
रावत ने आरोप लगाया है कि दोषमुक्ति प्रमाण मिलने के बाद भी यह दुर्भावनापूर्ण अभियान रुका नहीं है। उन्हें और उनके पिता को लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं और उनके घर पर अनुपस्थिति में दुर्व्यवहार किया गया है। यहाँ तक कि उनकी पत्नी पूजा चमोली को भी जानबूझकर इस विवाद में घसीटा जा रहा है, जबकि उनके खातों का इस वित्तीय लेन-देन से कोई संबंध नहीं है। रावत ने कहा कि उनके ससुराल पक्ष के लोग और अन्य परिचित हर जगह उनके विरुद्ध गलत बातें फैलाकर उनकी मानहानि और अपमान कर रहे हैं। इन सब के बावजूद, रावत ने कहा कि वह इन आपराधिक कृत्यों के सामने झुकेंगे नहीं और देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूर्ण विश्वास रखते हुए कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे।

सीओ मसूरी अनिल जोशी ने भी दी थी क्लीन चिट
देहरादून। पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए एडीआर कंपनी के संचालक अंकित रावत ने बताया की उनके ऊपर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच दून के एसएसपी अजय सिंह ने तत्कालीन सीओ मसूरी और सीओ सदर रहे अनिल जोशी को सौंपी थी। उन्होंनं बताया कि तत्कालीन सीओ ने दूसरे पक्ष को अपने कायार्यलय में बुलवाकर समझौता करवाने के प्रयास किए थे और समझौते के तहत मुझ से विरेंद्र के खाते में पांच लाख रुपये उसी समय विरेंद्र के खाते में स्थानांतरित करवा दिए थे। उन्होंने बताया कि तत्कालीन सीओ ने अपनी जांच में इस बात का भी उल्लेख किया कि समझौता नामा में जो हस्ताक्षर किए गए है वह फर्जी है। और मेरे पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं होती।

आरोप बेबुनियाद पाए जाने पर सीज किए गए खाते खोले गए
देहरादून। अंकित रावत एडीआर कंपनी के संचालक ने पत्रकार वार्ता के दौरान मीड़ियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि उन पर जिस प्रकार के आरोप लगाए गए है वह पूरी तरह से गलत उस समय साबित हो गए थे जब सीओ सदर अंकित कण्डारी ने एसएसपी देहरादून को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में उन्हे पूरी तरह से गलत बताते हुए उन पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया था। उन्होंने बताया कि उनकी ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा मेरी पत्नी पूजा चमोली पर जो भी आरोप लगाए जा रहे है वह बेबुनियाद है और उनका उक्त प्रकरण से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच वर्तमान सीओ सदर अंकित कंडारी द्वारा की गई तो उन्होंने भी अपनी जांच में मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंनंे बताया कि जांच में आरोप सिद्व नहीं होने पर उनके विभिन्न बैंक खातों को सीज किया गया था वह भी खोल दिए गए थे।

आचार्य विरेंद्र से मिला था आईएसबीटी पर
देहरादून। मीड़ियाकर्मियों से रू-ब-रू होते हुए एडीआर कंपनी के संचालक अंकित रावत ने बताया कि वह आचार्य विरंेद्र सिंह से वर्ष 2021 में पटेलनगर क्षेत्र की आईएसबीटी पर किसी कि माफर्त मिला था। उन्होंने आचार्य विरेंद्र द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोप कि नौकरी लगवाने के नाम पर उनके द्वारा मुझे करोड रुपये दिए गए थे। उन्होंने बताया कि वह विरेंद्र को तीन साल के अंदर चार करोड 86 लाख रुपये वापस कर चुके है और विरेंद्र ने मात्र दो करोड कुछ लाख रुपये दिए गए थे।
अंकित रावत बोले, मेरे द्वारा दिए गए दो ब्लैंक चैकों का किया गया गलत इस्तेमाल
देहरादून। अपने ऊपर लगाए गए गंभीर आरोपों के संबंध में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए अंकित रावत ने बताया कि शिकायतकर्ता राकेश चन्द्र बहुगुणा और उनके लोगों द्वारा उनसे लिए गए करोड़ों रुपयेे के दो ब्लैंक चैकों को शिकायतकर्ता द्वारा गलत इस्तेमाल करते हुए उनको बैंक से बाउंस करवाने का काम किया गया। उन्होंने बताया कि दोनों बाउंस चैकों के संबंध में न्यायालय एक वाद दायर किया गया जो कि न्यायालय द्वारा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि दोनों चैक उनके द्वारा एक एग्रीमेंट होने के बाद उन्हे दिए गए थे लेकिन उनकी गलत मंशा रही और उन्होंने दोनों चैकों को बाउंस करवा दिया था।

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