अल्मोड़ा। मंगलवार को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के भिकियासैंण क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हो गया। जहां एक बस खाई में गिर गई जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। हादसे में दो महिलाओं समेत 12 यात्री घायल हो गए। पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा के भिकियासैंण इलाके के शिलापनी में एक बस हादसे का शिकार हो गई। एक बस खाई में गिर गई है। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। बस में सवार अन्य 12 यात्री घायल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन व राहत-बचाव दल मौके पहुंचा। घायलों को निकालकर उन्हें चिकित्सकीय सहायता के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जिले के भिकियासैंण इलाके में शिलापनी के पास एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में सात लोगों की जान चली गई, जबकि दो महिलाओं समेत 12 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, प्रशासन और राहत-बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे। घायलों को खाई से निकालकर नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, बस में कुल 19 यात्री सवार थे। हादसे की वजह का पता किया जा रहा है। अनुमान है कि चालक का नियंत्रण खो जाने की वजह से यह हादसा हुआ। मृतकों में पांच पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। हादस में गोविंद बल्लभ (80 वर्ष), उनकी पत्नी पार्वती देवी (75 वर्ष), दोनों जमोली निवासी, सूबेदार नंदन सिंह अधिकारी (65 वर्ष), जमोली; तारा देवी (50 वर्ष), बाली; गणेश (25 वर्ष); उमेश (25 वर्ष); और एक अज्ञात युवक की मौत हो गई है जिसकी पहचान अभी की जा रही है। वहीं हादस में नंदा बल्लभ (50 वर्ष), नौबाड़ा; राकेश कुमार (40 वर्ष), नौबाड़ा; नंदी देवी (40 वर्ष), सिंगोली; हंसी सती (36 वर्ष), सिंगोली; मोहित सती (16 वर्ष), नौघर; बुद्धि बल्लभ (58 वर्ष), अमोली; हरीचंद्र (62 वर्ष), पाली; भूपेंद्र सिंह (64 वर्ष), जमोली; जितेंद्र रेखाड़ी (37 वर्ष), विनायक; बस चालक नवीन चंद्र (55 वर्ष); हिमांशु पालीवाल (17 वर्ष); और प्रकाश चंद (43 वर्ष), चचरौटी ये सभी घायल हुए है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोकाकुल परिवारों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि घायलों को तत्काल और उचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।