देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार भी विद्यार्थियों से संवाद का कोई मौका नहीं छोडऩा चाहती। इस कड़ी में अब मेधावी छात्राओं की बारी है। इसके तहत सरकार ने तीन हजार छात्राओं को टेबलेट देने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 24 जनवरी से यह शुरुआत की जा रही है।
इस दिशा में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग मापदंड तैयार करने में जुटा है।
प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हुई भाजपा सरकार ने पिछले साल राज्य स्थापना दिवस के मौके पर अफसरों का विद्यार्थियों से संवाद आयोजित किया था। इसके तहत आला अधिकारियों ने स्कूली बच्चों से अनुभव साझा किए। इसके पीछे भावी पीढ़ी को ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और कड़ी मेहनत के संस्कार देना मकसद था।
तब रैबार कार्यक्रम में जुटी विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत उत्तराखंड मूल की हस्तियों ने राज्य सरकार की इस पहल की न सिर्फ खूब सराहना की, बल्कि स्वयं भी बच्चों से संवाद की इच्छा जताई थी। डीजी कोस्ट गार्ड राजेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारी तो कुछ कार्यक्रमों में शामिल भी हुए।
अब बारी बालिकाओं की है और सरकार ने मेधावी छात्राओं को टेबलेट देने का निर्णय लिया है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य के मुताबिक बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम हो या दूसरी योजनाएं अथवा टेबलेट वितरण की, सभी का मकसद एक ही है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 24 जनवरी को समारोह आयोजित कर टेबलेट वितरण की योजना लांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन मेधावी छात्राओं को टेबलेट दिए जाने हैं, उसके लिए मापदंड माध्यमिक स्तर हो अथवा विश्वविद्यालय या फिर दोनों, इस पर गंभीरता से मंथन चल रहा है।