देहरादून: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर प्रदेश भर की स्कीम कार्यकर्ता हड़ताल पर रहीं। इस दौरान उन्होंने परेड मैदान स्थित धरनास्थल पर धरना देने के बाद डीएम कार्यालय तक कूच किया।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल में उत्तराखंड से 22 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 35 हजार भोजनमाता और करीब 11 हजार आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर रहीं। देहरादून में संयुक्त ट्रेड यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकर्ता, भोजनमाता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुबह परेड मैदान पर पहुंची और वहां धरने पर बैठ गईं।
इस दौरान सीटू के प्रदेश महामंत्री एवं कार्यक्रम के संयोजक वीरेंद्र कंडारी ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार स्कीम वर्कर्स की मांगों को लेकर उदासीन बनी हुईं हैं। केंद्र सरकार पिछले तीन वर्षों से बजट में कटौती कर रही है। वहीं राज्य सरकार स्कीम वर्कर्स की मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है।
उन्होंने कहा कि आशाओं के लंबे संघर्ष के बाद भी यह सरकार उनका मानदेय घोषित नहीं कर रही है। वहीं, 10 एवं 10 से कम विद्यार्थी वाले विद्यालयों को बंद करके प्रदेश की 3500 भोजन माताओं को हटाने की तैयारी चल रही है।
आंगनबाड़ी को निजी हाथों में देने और छह से सात माह बाद भी मानदेय का भुगतान नहीं करने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने बताया कि स्कीम वर्करों की हड़ताल को सफल बनाने के लिए सभी जिला मुख्यालय एवं ब्कॅक मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया। बाद में परेड मैदान से जिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकालकर प्रशासन के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार को ज्ञापन भेजा गया।