देहरादून। वाइल्ड लाइफ प्रेम ने राजाजी टाइगर रिजर्व की डा. अदिति शर्मा को निडर बना दिया है। आदमखोर गुलदार हों या इंसानों को कुचलने वाले विशालकाय हाथी, उन्हें किसी से डर नहीं लगता। उत्तराखंड के वन महकमे में उन्हें लेडी सिंघम के नाम से जाना जाने लगा है।
गुलदार के आबादी क्षेत्र में घुसते ही जब लोग डरकर घरों में बंद हो जाते हैं, तब डा. अदिति शर्मा का काम शुरू होता है। वो महज 12 से 15 मीटर की दूसरी से खतरनाक बाघ, गुलदार और हाथियों को ट्रेंक्यूलाइज (बेहोश) करती हैं। उनके पास खास तरह का ट्रेंक्यूलाइजर है। डा. अदिति बताती हैं कि उस लोगों के साथ-साथ वन्य जीवों को सुरक्षित रखने की दोहरी जिम्मेदारी उनके ऊपर होती है। सटीक निशाना और जानवर के हिसाब से दवा का सही इस्तेमाल बेहद जरूरी है। एक ही वार में कैसे वन्यजीव पर काबू पाया जाए यह सबसे अहम होता है।
बीते शुक्रवार को उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में दो लोगों की जान लेने वाले हाथी को टेंक्यूलाइज किया। जबकि 10 जनवरी को उन्होंने देहरादून के सहस्रधारा रोड पर आतंक का पर्याय बने गुलदार को ट्रेंक्यूलाइज कर लोगों को संकट से उबारा था। वह अब तक दस से ज्यादा गुलदार और दो हाथियों को टैंक्यूलाइज कर चुकी हैं। कई बाद उन्हें इसके लिए रात में जंगलों घुसना पड़ता है, लेकिन वह कभी पीछे नहीं हटती। आदमखोर से निजात दिलाने के बाद उन्हें लोगों का जो प्यार मिलता है, उससे उनका हौसला और बढ़ता है।