उत्तराखंड का बलूनी गांव बना घोस्ट विलेज, मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग शहरों को पलायन कर गए

सतपुली, पौड़ी : उत्तराखंड में पलायन के चलते मानवविहीन हो रहे गांवों की फेहरिस्त में एक गांव और जुड़ गया। पौड़ी जिले के कल्जीखाल विकासखंड के बलूनी गांव में बीते एक दशक से अकेले रह रहे 66 वर्षीय पूर्व सैनिक श्यामा प्रसाद ने भी आखिरकार गांव छोड़ दिया। अब इस गांव में कोई नहीं रहता।

मानवविहीन गांवों को घोस्ट विलेज गांव के नाम से भी जाना जाता है। श्यामा प्रसाद ने खराब स्वास्थ्य के चलते बोरिया-बिस्तर समेट कोटद्वार की राह पकड़ ली। विडंबना देखिए कि उनके जाते ही गांव में सड़क पहुंच गई। लेकिन अब इसका इस्तेमाल करने वाला यहां कोई नहीं है।

ग्राम पंचायत सैनार के इस गांव में डेढ़ दशक पूर्व तक 45 परिवार निवास करते थे। लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में धीरे-धीरे सभी लोग शहरों को पलायन कर गए। खेती के लालच में श्यामा प्रसाद अकेले ही गांव में रह रहे थे। लेकिन स्वास्थ्य खराब रहने के कारण आखिरकार उन्होंने भी गांव से रुखसत ले ली। यह गांव पेयजल संकट से भी लगातार जूझ रहा था।

बलूनी गांव की यह तस्वीर उत्तराखंड के हजारों गांवों का दर्द बयां करती है। इस गांव के बाशिंदों को इलाज के लिए दस किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घंडियाल जाना पड़ता था। जहां जाने के लिए कोई सड़क नहीं थी। प्राथमिक शिक्षा के लिए बच्चों को घने जंगल से होते हुए करीब एक किमी दूर सैनार जाना पड़ता था, जबकि इंटर कॉलेज गांव से करीब आठ किमी दूर पुरियाडांग में है।

पहाड़ के अन्य गांवों की तरह इस गांव में भी खेती पूरी तरह छितरी हुई है। जंगली जानवरों ने भी खेती को घाटे का सौदा बना दिया। ऐसे में पलायन के सिवा कोई और विकल्प नहीं था। उत्तराखंड के कुल 16,793 गांवों में से अब तक 3,000 गांव जनविहीन हो चुके हैं। सिलसिला बदस्तूर जारी है। इधर राज्य सरकार पलायन आयोग का गठन कर कारण तलाशने में जुटी है।

पलायन के संबंध में पौड़ी के जिलाधिकारी सुशील कुमार का कहना है कि अन्य जिलों की अपेक्षा पौड़ी से पलायन अधिक हुआ है। पलायन के कारणों की पड़ताल करने और इसे रोकने के उपाय सुझाने को पलायन आयोग का गठन किया गया है।

उत्तराखंड में पलायन की तस्वीर 

कुल ग्राम पंचायत: 7555

कुल गांव: 16793

अब तक खाली गांव : 3000

सड़क सुविधा से वंचित गांव: 5000

पलायन करने वालों की संख्या:32,00,000

घरों में लटके ताले: 2,80,000

खाली घरों की जिलेवार तस्वीर 

अल्मोड़ा, 36401

पौड़ी, 35654

टिहरी, 33689

पिथौरागढ़, 22936

देहरादून, 20625

चमोली, 18535

नैनीताल, 15075

उत्तरकाशी, 11710

चम्पावत, 11281

रुद्रप्रयाग, 10970

बागेश्वर, 10073

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *