ऋषिकेश। भू-वैकुंठधाम बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे 30 अप्रैल को खोले जायेंगे। इसकी घोषणा टिहरी के राज परिवार के द्वारा बसंत पंचमी के दिन की जाती है। बदरीनाथ भगवान के कपाट 30 अप्रैल को 4.30 बजे ,खोले जायेंगे। टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने आनंदा होटल में कपाट खुलने की घोषणा ही।
भगवान बदरी विशाल की मूर्ति के अभिषेक के लिए प्रयुक्त होने वाला तिल का तेल नरेंद्रनगर राजमहल में परंपरा व विधि-विधान के साथ पिरावाया गया। इस दौरान राज परिवार व डिम्मर पंचायत के प्रतिनिध मौजूद थे। इसी दौरान हिन्दुओं के आस्था के प्रतीक आदिधाम बदरीनाथ के कपाट 30 अप्रैल को ब्रहम बेला में खुलेंगे का भी पंचाग निकाला गया। इसके साथ ही चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं।भगवान बदरीनाथ की मूर्ति के अभिषेक के लिए विशेष तेल का प्रयोग किया जाता है। परंपरानुसार यह तेल टिहरी राज परिवार की महारानी की देखरेख में सुहागिनों द्वारा हाथ से पिरवाया जाता है। नरेंद्रनगर राजमहल में विधिवत रीति-रिवाज व परंपरा के साथ तिल का तेल निकाला गया। इससे पूर्व डिम्मर पंचायत के प्रतिनिधि तेल कलश (गाडू घड़ी) को लेकर राजमहल पहुंचे। राजमहल में टिहरी सांसद महारानी माल राजलक्ष्मी शाह की देख रेख में तिल पिरवाने की पारंपरिक रवायत आरंभ हुई। सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर सिर पर तिल को पीसने के बाद तेल से गाडू घड़ी को भरा। तेल पिरोने में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है, जिसे देखते हुए सभी महिलाओं ने पूरे समय मुंह पर पीला कपड़ा बांधे रखा। निर्धारित सीमा तक तेल कलश भरने के बाद तेल पिरोने की रस्म पूरी हुई। इस दौरान ढोल-बाजों के साथ भगवान बदरी नारायण की स्तुति गाई गई।